News Update :

सरकारी जमीन का घर और बिजनेस में मिश्रित उपयोग करने वालों को देना होगा 120% प्रीमियम

 भोपाल
प्रदेश में शहरी इलाकों में सरकारी जमीन पर काबिज उन लोगों से अब राजस्व विभाग 120 प्रतिशत प्रीमियम और भूभाटक की वसूली करेगा जो उस भूमि का आवासीय और व्यावसायिक रूप से उपयोग कर रहे हैं। धारणाधिकार नियमों के अंतर्गत इसे मिश्रित भूमि उपयोग मानते हुए राजस्व विभाग ने नया नोटिफिकेशन कर स्थिति स्पष्ट की है। जल्द ही राजस्व विभाग इसको लेकर आदेश जारी करेगा।


राजस्व विभाग द्वारा धारणाधिकार को लेकर 24 सितम्बर 2020 को जो नियम तय किए गए थे, उसमें ऐसे मामलों में स्थिति साफ नहीं थी कि अगर सरकारी जमीन पर काबिज कोई व्यक्ति उसका आवासीय के साथ व्यवसायिक उपयोग भी कर रहा है तो उससे किस तरह का राजस्व वसूल किया जाएगा। इस मामले में अब 31 जनवरी को राजस्व विभाग ने नए नोटिफिकेशन के जरिये स्थिति स्पष्ट कर दी है। इसमें कहा गया है कि अगर एक ही भूखंड का मिश्रित उपयोग (आवासीय एवं व्यवासायिक/वाणिज्यिक) है तो ऐसे भूखंड के लिए आवासीय उपयोग के भाग का प्रीमियम और भूभाटक की गणना आवासीय प्रयोजन के अनुसार की जाएगी। दूसरी ओर वाणिज्यिक उपयोग में लाए जा रहे भूखंड का प्रीमियम और भूभाटक आवासीय प्रयोजन के भूखंड के लिए तय दर का 120 प्रतिशत वसूल किया जाएगा। इस संशोधित नोटिफिकेशन में यह भी साफ किया गया है कि जहां एक परिवार द्वारा दो अलग-अलग भूखंडों में से एक का आवासीय व दूसरे का व्यवसायिक प्रयोजन में इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसे केस में दो अलग-अलग पट्टे प्रदान किए जाएंगे तथा ऐसे मामलों में परिवार को एक बार लाभ देना ही माना जाएगा।

 
यह है धारणाधिकार की अवधारणा


धारणाधिकार नियम मेंं कहा गया है कि 31 दिसम्बर 2014 के पहले शहरी इलाकों में सरकारी भूखंड पर काबिज लोगों को तीस साल का स्थायी पट्टा दिया जा सकेगा ताकि उन्हें बैंक से लोन मिलने में आसानी हो और बार-बार शिफ्टिंग से राहत मिले। इसमें नए संशोधन के पहले यह प्रावधान किया गया था कि आवासीय प्रयोजन के लिए दिए जाने वाले स्थायी पट्टे के मामले में 200 मीटर तक भूमि के लिए बाजार मूल्य का दस प्रतिशत और इससे अधिक पर 100 प्रतिशत प्रीमियम और भूभाटक जमा कराकर पट्टा दिया जा सकेगा। इसके अलावा व्यवसायिक और वाणिज्यिक भूमि के मामले में 20 वर्ग मीटर तक 25 प्रतिशत, 100 वर्ग मीटर तक 50 प्रतिशत और इससे अधिक भूमि होने पर बाजार मूल्य का 100 प्रतिशत प्रीमियम व भूभाटक जमा कराकर पट्टे दिए जा सकेंगे। अब इसमें मिश्रित उपयोग वाली भूमि के नियम भी लागू होंगे। कलेक्टरों के पास अब तक 99435 आवेदन आ चुके हैं जबकि निराकरण सिर्फ 13362 आवेदनों का हुआ है।

 
इन जगहों का नहीं मिलेगा पट्टा


सरकारी जमीन पर काबिज जिन स्थानों पर पट्टा नहीं दिया जाएगा, उसमें नदी या नाला या जल संग्रहण क्षेत्र के रूप में अभिलिखित स्थल, भू राजस्व संहिता की धारा 233-क के अधीन आरक्षित, किसी धार्मिक संस्था या माफी औफाक से संबंधित भूमि, नगरीय क्षेत्रों में पार्क शामिल हैं। साथ ही खेल के मैदान, सड़क, गली या अन्य किसी सामुदायिक उपयोग की, राजस्व वन भूमि यानि छोटे-बड़े पेड़ों का जंगल, न्यायालय में विचाराधीन भूमि, नगरीय निकाय में किसी विकास योजना से संबंधित, शासकीय परियोजना या सार्वजनिक प्रयोजन के लिए आरक्षित भूखंड पर भी पट्टा नहीं दिया जा सकेगा।

share

0 comments

Leave a Reply

Copyright 2015 MP Breaking News All rights reserved