भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में जिन वन ग्रामों को राजस्व ग्राम के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है उन क्षेत्रों में मंत्रियों को एक हफ्ते प्रवास करना है। इस प्रवास के दौरान मंत्री 1 दिन में 5 से 7 गांवों में विजिट करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा नदी के उद्गम स्थल को बचाए रखने के लिए अमरकंटक में निर्माण कार्य पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी और किसी भी तरह के नए निर्माण कार्य नहीं होने दिए जाएंगे। जो भी निर्माण कार्य किए जाने हैं वह मैकल पर्वत के नीचे किए जा सकेंगे। अमरकंटक के निकट सेटेलाइट टाउन बनाया जाएगा। इसके साथ ही महाकाल कारिडोर का अधूरा काम मई माह तक हर हालत में पूरा करने के निर्देश मुख्यमंत्री चौहान ने दिए हैं और इसके लिए मंत्रियों को विजिट कर काम पूरा कराने के लिए कहा है।
जनजातीय वर्ग के अधिकारों का संरक्षण
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हाल ही में भोपाल के जंबूरी मैदान में केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने का कार्य शुरू हुआ है। आगामी माह जिलों में जहां चिन्हित वन ग्राम राजस्व ग्राम में परिवर्तित हो रहे हैं, सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन कर वनवासियों को इसकी जानकारी दी जाए। मंत्री गण करीब 1 सप्ताह की अवधि का कार्यक्रम बनाकर प्रत्येक दिन 5 से लेकर 7 ग्राम के राजस्व ग्राम में परिवर्तित होने के संबंध में स्थल पर जाकर कार्यक्रम में हिस्सा लें। इसमें विधायक, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधि भी सम्मिलित हों। विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन भी किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा इमारती लकड़ी और 20% लाभांश देने के निर्णय की जानकारी वन वासियों को प्रदान की जाए। साथ ही तेंदूपत्ता तुड़ाई कार्य में की गई वृद्धि का लाभ भी पात्र हितग्राहियों को मिले, इसके लिए जनप्रतिनिधि सक्रिय रहें।
मई माह तक पूरा हो महाकाल कॉरिडोर का विकास
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाल ही में हुई बैठक में उज्जैन आकर महाकाल कॉरिडोर विस्तारीकरण योजना के लोकार्पण का अनुरोध किया है। कॉरिडोर से संबंधित सभी कार्य मई माह तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। उज्जैन में यह अवसर जन उत्सव की तरह होगा। घर-घर जयघोष होगा। स्थानीय नागरिक भी कार्यक्रम में भागीदारी करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने उज्जैन में स्थानीय मंत्री और प्रभारी मंत्री को कार्यों की समय पर पूर्णता के लिए कार्यों के अवलोकन के निर्देश दिए।
विकासखंड स्तर पर हों कन्या विवाह कार्यक्रम
मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्री परिषद के सदस्यों को जानकारी दी कि सीहोर जिले के नसरुल्लागंज में 24 अप्रैल को संपन्न सामूहिक विवाह और निकाह कार्यक्रम काफी सफल रहा है। प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में कम से कम एक बड़ा आयोजन किया जाए। कोरोना काल के बाद विवाह योजना प्रारंभ हुई है। इसमें स्थानीय समितियों के माध्यम से विवाह में दिए जाने वाले सामान की खरीदी का कार्य पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कार्यक्रम का भव्य स्वरूप रहे, प्रभारी मंत्री तिथियां निर्धारित कर विकासखंड स्तर पर कार्यक्रमों में शामिल हों और समाज के विभिन्न वर्गों के पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ भी दिलवाएं।
3 मई को भगवान परशुराम जयंती
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आगामी 3 मई को भगवान परशुराम जी की जयंती पर कार्यक्रम हो रहे हैं। भोपाल में लाल घाटी में गुफा मंदिर परिसर में भगवान परशुराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है जिसमें स्वामी अवधेशानंद भी आ रहे हैं।
अमरकंटक के निकट विकसित होगा सेटेलाइट टाउन
मुख्यमंत्री चौहान ने अमरकंटक और नर्मदा उद्गम स्थल के निकट पर्यावरण संरक्षण संबंधी महत्वपूर्ण बैठक की जानकारी दी। गत 24अप्रैल को भारत सरकार के मंत्रियों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया था। संघ के पूर्व सर कार्यवाह सुरेश सोनी विशेष रुप से बैठक में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया वर्ष 2018 के पश्चात नर्मदा संरक्षण से जुड़े कार्यों की गति धीमी हो गई थी। इस बीच कोरोना के कारण भी मिशन के कार्यों की सीमा रही। अब यह तय किया गया है कि यहां कोई नया निर्माण कार्य नहीं होगा। अमरकंटक सीमेंट कंक्रीट का जंगल न बने, ऐसी व्यवस्था की जाए। क्षेत्र का विकास किया जाए। मैकल पर्वत के नीचे ही निर्माण हो। पर्वतीय क्षेत्र में कोई निर्माण गतिविधियां न हों। होटल, रेस्टारेंट आदि भी पर्वत के नीचे हों जहां श्रद्धालु एवं पर्यटक रुक सकें। इस संबंध में शीघ्र कुछ अन्य निर्णय लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश के साथ गुजरात के लिए भी नर्मदा महत्वपूर्ण है। नर्मदा सेवा मिशन के कार्यों में गति लाई जाएगी। केंद्र और राज्य मिलकर एक टीम बनाकर बेहतर कार्य करेंगे। हमारी नर्मदा का प्रवाह कल कल छल छल.. बना रहे, पेयजल और सिंचाई की जरूरतें पूरी हो, हमारा नर्मदा के प्रति सम्मान का भाव हो और क्षेत्र के पर्यावरण का संरक्षण सब मिलकर करें, इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
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