भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अब 31 दिसम्बर 2018 तक की स्थिति में शहरी इलाकों में सरकारी भूमि पर जिनके कब्जे हैं उनको अधिकार दिलाया जाएगा। जल्द ही यह आदेश निकल जाएगा कि 2018 तक जिनके कब्जे हैं उनको इस योजना का लाभ मिलेगा। हम नगर के मास्टर प्लान में गरीबों के मकान के लिए जमीन बची रहे, इसको सुनिश्चित करेंगे।
सीएम चौहान ने ये बातें नगरीय भू अधिकार योजना के अधिकार पत्र और स्थायी पट्टे बांटने के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि आज मैं अपना महासंकल्प घोषित कर रहा हूं कि जिस गरीब के पास रहने की जमीन का टुकड़ा नहीं है, उसको रहने की जमीन का टुकड़ा देकर जमीन का मालिक बनाकर ही हम चैन की सांस लेंगे। कई लोग तीन-तीन पीढ़ी से रह रहे हैं। जमीन पर उनका कब्जा है। मकान बन गया है, लेकिन भूमि पर अधिकार नहीं है। इसलिए आपकी तकलीफ को दूर करने के लिए हमने 'मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना' बनाई, ताकि लोगों को उनकी जमीन का अधिकार मिल सके। कलेक्टरों से उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भू अधिकार योजना पर आप और भी पात्रों से आवेदन करवाएं, अगर जानकारी नहीं हो तो जानकारी दें। नगरीय भू-अधिकार योजना के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रचारित करें। गौरतलब है कि इसके पहले दिसम्बर 2014 तक की स्थिति में काबिज लोगों को स्थायी पट्टा और भू अधिकार पत्र देने के आदेश शासन ने जारी कर रखे हैं।
भीख मांगने वाले बच्चों की व्यवस्था करें कलेक्टर
सीएम चौहान ने मंत्रालय में हुए वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान कहा कि मैं सभी से अपील करता हूं कि आपके शहर में अगर कोई बच्चा ऐसा है जो कहीं भीख मांगता है तो वह हम सबके लिए शर्म की बात है। ऐसे बच्चों को समझाएं। कलेक्टर की जवाबदारी है कि तत्काल ऐसे बच्चों के लिए आश्रय की व्यवस्था करें। उसकी पढ़ाई, कपड़े, भोजन आदि के खर्चे की व्यवस्था हम करेंगे।
बुरहानपुर कलेक्टर को लगाई फटकार
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री चौहान को बुरहानपुर कलेक्टर जिले में अधिकारियों के बीच आपस में बात करते हुए दिखे। इस पर सीएम चौहान ने बुरहानपुर कलेक्टर को पुकार कर कहा कि यह ठीक नहीं है। जब मैं बात कर रहा हूं तो आपको बोलने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वे बैठक के दौरान सभी पर निगाह रखते हैं। इसलिए सभी अधिकारी इसे गंभीरता से लें और आगे ऐसी गलती नहीं हो।