भोपाल
बिजली की अघोषित कटौती रोकने को लेकर कृषि मंत्री कमल पटेल का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद होशंगाबाद व हरदा में तो कटौती बंद हो गई पर पड़ोसी जिलों बैतूल, रायसेन समेत अन्य स्थानों पर कटौती में इजाफा हो गया है। हालात यह हैं कि पूरे प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती ने आमजन को परेशान कर रखा है। सबसे ज्यादा दिक्कत रात में होने वाली कटौती से है। कई जिलों में आधे-आधे घंटे की कटौती रात में की जा रही है तो कई जिलों में तीन से चार घंटे तक एक साथ बिजली रात में गुल रखी जा रही है जिससे लोग सो नहीं पा रहे हैं।
बैतूल जिले में रात 12 से 3 बजे के बीच कटौती की जा रही है। इससे परेशान यहां के आदिवासी परिवारों का कहना है कि दिन के समय दोपहर में कटौती हो तो पेड़ के नीचे, घर के बाहर छांव में बैठकर गुजार सकते हैं लेकिन रात में कटौती से नींद पूरी नहीं हो पा रही है। उधर बिजली कटौती के कारण लोगों की नाराजगी और धमकी से परेशान बैतूल के बिजली कम्पनी के महाप्रबंधक ने कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि 5 अप्रेल से विद्युत उत्पादन में कमी के कारण वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर बिजली कटौती हो रही है। जिले के कुछ इलाकों से की जाने वाली सप्लाई के क्षेत्र में मूंग उत्पादक किसान हैं जिन्हें बिजली नहीं मिल पाने से किसान परेशान हैं। साथ ही गर्मी के मौसम में बिजली की सप्लाई बाधित होने से पेयजल व अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और इसी कारण विवाद व मारपीट की स्थिति बन रही है। ऐसे में बैतूल में ला एंड आर्डर की स्थिति बन रही है। पावर एम्प्लाइज एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि ऐसी ही स्थिति हर जिले में बन रही है लेकिन सरकार दावे कर रही है कि कहीं भी बिजली संकट नहीं है।
हर आधे घंटे में आ जा रही बिजली
उधर विन्ध्य क्षेत्र के रीवा, सतना समेत अन्य जिलों की रिपोर्ट के अनुसार दिन में तीन से चार घंटे की कटौती की जा रही है। इसके बाद रात में हर आधे घंटे में आधे-आधे घंटे की कटौती कर बिजली सप्लाई की जा रही है। इस अघोषित कटौती के कारण लोगों को गर्मी में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली कटौती की यही स्थिति मालवा और महाकौशल में भी है। इसी कारण पिछले दिनों महाकौशल के जबलपुर जिले से विधायक व पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने ट्वीट कर तंज कसा था कि मंत्रीजी ने सोशल मीडिया में वीडियो वायरल कर होशंगाबाद व हरदा की कटौती बंद करा दी तो क्या बाकी विधायकों को भी चुनाव में निपटने से बचने के लिए और पर्याप्त बिजली के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेना चाहिए।