भोपाल
निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर पुनर्विचार याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होना है लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भाजपा चुनाव तैयारियों में किसी तरह की कमी नहीं रहने देना चाहती। इसी कारण नगरीय निकाय वार ओबीसी वोटर्स की पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाकर ओबीसी कैंडिडेट की तलाश भी शुरू कर दी गई है। जिला अध्यक्ष, जिला प्रबंध समिति ऐसे क्षेत्रों में जीतने वाले ओबीसी कैंडिडेट्स की सूची तैयार कराकर प्रदेश संगठन को भेजेंगे जिसके आधार पर नगर निकाय चुनाव में टिकट वितरण किए जा सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण बगैर पंचायत और नगर निकाय चुनाव कराने के एक हफ्ते पुराने आदेश के बाद प्रदेश भाजपा संगठन ने फैसला किया है कि स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी ओबीसी वर्ग के लोगों को 27 प्रतिशत से अधिक सीट पर टिकट देगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संगठन के फैसले पर सहमति जताई है और पिछले दिनों मंत्रियों, विधायकों, जिला प्रभारियों, जिला अध्यक्षों की अलग-अलग बैठकों में इस पर चर्चा के बाद यह तय हुआ है कि ओबीसी को आरक्षण के आधार पर टिकट देने का काम किया जाएगा। कोर्ट अगर पक्ष में निर्णय देता है तो भी और अगर कोर्ट का फैसला सरकार और संगठन के पक्ष में नहीं आता है तो भी ओबीसी को 27 फीसदी से अधिक टिकट देंगे। इसी परिप्रेक्ष्य में जिला अध्यक्षों से कहा गया है कि संगठन जल्द ही ओबीसी बाहुल्य वोटर संख्या वाले निकायों की सूची जिला अध्यक्षों को भेजेगा। इसके बाद जहां ओबीसी वोटर अधिक हैं, वहां ओबीसी कैटेगरी के लिए जीतने वाले दावेदारों के नाम पैनल में भेजे जाना है ताकि संगठन उस पर निर्णय लेकर टिकट वितरित कर सके।
कल जिलों में जाएंगे प्रभारी मंत्री, लेंगे बैठक
पिछले दिनों सीएम हाउस में हुई बैठक में मंत्रियों से कहा गया था कि वे प्रभार के जिलों में जाएं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करें। पार्टी को निकाय चुनाव में जीत हासिल करना है। इसमें कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सभी मंत्रियों को 17 मई को प्रभार के जिलों में जाने के लिए कहा गया है। इसके चलते अधिकांश मंत्री कल प्रभार के जिलों में पहुंचकर जिला, मंडल स्तर के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करेंगे और चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे।