भोपाल
पंचायत चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के बाद अब ग्रामीण इलाकों में थाना प्रभारी व ग्राम पंचायत सचिव को एक शिकायत रजिस्टर बनाना होगा। इस रजिस्टर में लोक सम्पत्ति विरूपण से संबंधित शिकायतें दर्ज की जाएंगी जिसकी मानीटरिंग राजस्व अनुविभागीय अधिकारी करेंगे और शिकायत की जांच कर तथ्य सही पाए जाने पर लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए प्रस्तावित करेंगे। इसका साप्ताहिक प्रतिवेदन भी दिया जाएगा। इसके साथ ही त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2022-23 के लिए आदर्श आचरण संहिता लागू रहने की अवधि में जनप्रतिनिधियों को दी गई विभागीय सुविधाएं वापस लेने का निर्देश कलेक्टरों ने जारी करना शुरू कर दिए हैं। इसमें जनप्रतिनिधियों को मिले मैनपावर, वाहन और उपकरण आदि शामिल हैं। इसके बाद मंत्रियों, निगम मंडल अध्यक्ष को आचार संहिता वाले क्षेत्र में ये सुविधाएं नहीं मिल सकेंगी।
कलेक्टरों से कहा गया है कि वे इसके लिए अपने जिले में कलेक्टर अपने-अपने क्षेत्र में बैठकें आयोजित कर अपने-अपने प्रभार क्षेत्रा अंतर्गत विरूपित शासकीय संपत्तियों को मूल स्वरूप में लाने की कार्यवाही कराएंगे। संपत्ति को मूल स्वरूप में लाने के लिए जो खर्च आएगा उसकी वसूली दोषी व्यक्ति से भू-राजस्व की बकाया के रूप में की जाएगी। साथ ही संबंधित पुलिस थाने संबंधित विभाग द्वारा एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति विरूपण निवारण का मूल दायित्व संबंधित थाना प्रभारी, पटवारी, पंचायत सचिव का होगा। अनुविभागीय दंडाधिकारी समस्त अनुभाग के लिए, सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी समस्त पंचायत अपने क्षेत्र तथा संबंधित थाना प्रभारी थाना क्षेत्रांतर्गत और समस्त राजस्व निरीक्षक प्रभार क्षेत्रांतर्गत, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग प्रभार क्षेत्रांतर्गत और कनिष्ठ अभियंता मध्यप्रदेश विघुत मंडल प्रभार क्षेत्रांतर्गत कार्य पूरे कराने के लिए जिम्मेदार होंगे।
प्रत्याशी का प्रचार निजी संपत्ति पर किया तो एआरओ को देना होगी सूचना
आदर्श आचरण संहिता में यह भी कहा गया है कि यदि अभ्यर्थी द्वारा नामांकन पत्र भरने के पश्चात निजी संपत्ति के स्वामी द्वारा किसी अभ्यर्थी के समर्थन में अपनी संपत्ति को प्रचार-प्रसार हेतु उपयोग करने (दीवार लेखन, पोस्टर, बैनर लगाना इत्यादि) सहमत है, तो संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के रिर्टनिंग आफिसर व सहायक रिटर्निंग आफीसर के कार्यालय में लिखित सूचना देंगे। लिखित सूचना के साथ, संपत्ति के प्रचार-प्रसार के लिए उपयोग होने का विवरण और खर्च की जानकारी देंगे। उस लिखित सहमति व सूचना के आधार पर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) और सहायक रिटर्निंग आफीसर अनुमति प्रदान करेंगे।