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विधायकों का विरोध दरकिनार, गवर्नर से मिले CM, पब्लिक चुनेगी महापौर, पार्षद चुनेंगे नपा अध्यक्ष

भोपाल प्रदेश के 16 नगर निगमों में महापौर का चुनाव सीधे जनता द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसको लेकर गुरुवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मिले और उनसे चुनावी व्यवस्था समेत अन्य मसलों पर चर्चा की। इसके लिए राजभवन भेजे गए अध्यादेश को राज्यपाल ने मंजूरी मिलते ही गुरुवार शाम तक इसका नोटिफिकेशन हो जाएगा।
इसी तारतम्य में गुरुवार को सुबह सीएम शिवराज राजभवन पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री चौहान ने राज्यपाल के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के भोपाल, उज्जैन प्रवास के साथ प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों को लेकर भी चर्चा की। सीएम चौहान ने राज्यपाल को प्रदेश की ताजा प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्थाओं से भी अवगत कराया लेकिन राजनीतिक गलियारे में सबसे अधिक चर्चा महापौर पद के चुनाव को लेकर रही। उधर सरकार ने तय किया है कि नगरपालिका अध्यक्षों का चुनाव सीधे जनता से कराने के बजाय पार्षदों से कराया जाए। इस बार सरकार विधायकों के विरोध के चलते महापौर और नपा अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने को लेकर असमंजस में थी जिस पर अब अंतिम फैसला हो गया है।

नरोत्तम बोले, राजभवन पहुंचा अध्यादेश

गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि महापौर का चुनाव सीधे जनता से कराने का संशोधित अध्यादेश राजभवन भेजा गया है। महापौर का चुनाव जतना करेगी जबकि नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव पार्षद करेंगे। मंत्री मिश्रा का यह बयान मुख्यमंत्री चौहान और राज्यपाल पटेल की मुलाकात के पहले आया जिसके बाद महापौर चुनाव की तस्वीर साफ हो गई। गौरतलब है कि बुधवार तक इसको लेकर स्थिति साफ नहीं थी। इसलिए मिश्रा ने इससे संबंधित किसी तरह का अध्यादेश राजभवन भेजे जाने से इनकार किया था।
 
विधायकों के विरोध के चलते निर्णय में देरी

महापौर का चुनाव सीधे जनता से कराने के निर्णय में देरी को लेकर जो मुख्य बात सामने आई है उसके पीछे भाजपा विधायकों के विरोध है। राजधानी भोपाल समेत शहरी क्षेत्रों के अधिकांश भाजपा विधायक संगठन और सरकार के समक्ष इसका विरोध कर रहे थे कि महापौर का इलेक्शन सीधे जनता से हो। वे पार्षदों के जरिये ही महापौर का इलेक्शन चाहते थे। इसकी वजह यह है कि जनता से चुना महापौर विधायकों की नहीं सुनता और सीधे फैसला लेता है जबकि पार्षदों के माध्यम से चुने जाने वाले महापौर विधायकों को भी तवज्जो देते हैं। सूत्रों के अनुसार संगठन चाहता था कि महापौर का चुनाव सीधे जनता से हो ताकि महापौर के चुनाव में खरीद फरोख्त का आरोप न लगे और संगठन की छवि जनता से निर्वाचित प्रतिनिधि को तवज्जो देने वाली रहे। इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव समेत अन्य नेताओं के साथ सीएम चौहान की कई दौर की मंत्रणा भी हुई थी।
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