भोपाल
कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्यों की संख्या अधिक होने के बाद भी भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बीजेपी का कब्जा हो गया है। भाजपा ने कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष नौरंग गुर्जर की पत्नी रामकुंवर गुर्जर को जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया और जीत हासिल की। इससे पहले कांग्रेस की तरफ से रश्मि अवनीश भार्गव को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। भाजपा ने नौरंग गुर्जर को अपने पाले में लेकर उनकी पत्नी को उम्मीदवार घोषित कर दिया।
भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए हुये चुनाव के चलते निर्वाचन कार्यालय में सुबह से ही राजनीतिक गहमा गहमी बढ़ गई थी। पहले कांग्रेस का पलड़ा भारी था लेकिन बाद में भारी उलटफेर हुआ।
चुनाव प्रक्रिया शुरू होने पर जिला पंचायत सदस्य विक्रम बालेश्वर को पुलिस सुरक्षा में कार्यालय लाया गया। कुछ देर तक वे पुलिस के साथ रहे। उसके बाद फिर वे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि पुलिस प्रशासन और पुलिस के बल पर यह सरकार की गुंडागर्दी नहीं चलेगी, क्योंकि उन्होंने इससे पहले भी चुनावों में हमारे प्रत्याशियों को डराने धमकाने का काम किया है।
कार्यालय के सामने खड़े रहे दिग्गज नेता
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, विधायक आरिफ मसूद समेत कई कांग्रेस नेता जिला पंचायत कार्यालय के सामने खड़े रहे। इस मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा। इस बीच वार्ड 3 से सदस्य विजया राजोरिया को नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, विधायक रामेश्वर शर्मा और शैतान सिंह पाल लेकर पहुंचे थे। भाजपा की ओर से विजय को प्रत्याशी बनाने की बात कही गई। इस दौरान भाजपा नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।
उज्जैन में पुलिस ने किया बल प्रयोग
उज्जैन में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में एंट्री को लेकर विवाद हो गया। उज्जैन जिला पंचायत के गेट पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। दोनों पार्टी के प्रत्याशी अपने-अपने लोगों को गेट के अंदर ले जाने का प्रयास कर रहे थे। तभी विवाद की स्थिति बन गई। यहां पर बीजेपी ने कमला कुंवर को तो कांग्रेस ने हेमलता सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया।