भोपाल
जिला और जनपद पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी में एक बार फिर परिवारवाद की जमावट भारी पड़ी है। गैरदलीय आधार पर कराए गए चुनाव में टिकट वितरण भले ही नहीं किया गया है लेकिन चुनाव में पार्टी की ओर से अधिकृत प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद राजनीति में ऊंचे पदों पर काबिज नेताओं के परिजन चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की बहू व खरगापुर विधायक की पत्नी उमिता सिंह टीकमगढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गईं।
इसी तरह जगन्नाथ सिंह रघुवंशी को अशोकनगर में निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुना गया। जगन्नाथ पूर्व विधायक हैं। बड़वानी में मंत्री प्रेम सिंह पटेल के बेटे बलवंत पटेल जिला पंचायत अध्यक्ष बने हैं। उन्होंने बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ा था। कांग्रेस के सम्राट सारस्वत बालाघाट जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए। सम्राट कांग्रेस के पूर्व MLA अशोक सारस्वत के बेटे हैं। अलीराजपुर में पूर्व विधायक नागर सिंह चौहान की पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं।
पंचायत चुनाव में परिवारवाद जमकर चला है। इसकी बानगी अन्य अध्यक्षों से भी दिखाई देती है। सागर जिला पंचायत अध्यक्ष का पद मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के भाई हीरा सिंह राजपूत को मिला है। वे निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। रीवा में विधायक नागेंद्र सिह के भतीजे प्रणय प्रताप सिंह जिला पंचायत उपाध्यक्ष का चुनाव जीते हैं। मंदसौर में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर पूर्व बीजेपी विधायक राधेश्याम पाटीदार की बहू दुर्गा विजय पाटीदार निर्विरोध निर्वाचित हुई हैं।
जनपद अध्यक्ष भी बने हैं विधायकों के परिजन
इसके पहले जनपद अध्यक्ष पद के लिए घोषित चुनाव परिणाम में टीकमगढ़ जनपद में विधायक राकेश गिरि की बहन कल्याणी गिरि चुनाव जीती हैं। वहीं निवाड़ी में विधायक अनिल जैन की पत्नी निरंजना जैन जनपद अध्यक्ष बनी हैं। इसी तरह सिलवानी जनपद अध्यक्ष तरुवर सिंह बने हैं जो पूर्व मंत्री व विधायक रामपाल सिंह के बहनोई हैं। सागर जनपद अध्यक्ष के पद पर सविता पृथ्वी सिंह निर्विरोध निर्वाचित हुईं। सविता मंत्री भूपेंद्र सिंह की बहू हैं। उधर टीकमगढ़ जिले के बल्देवगढ़ जनपद से पूर्व आबकारी मंत्री यादवेन्द्र सिंह बुंदेला की बहू उज्जवला सिंह जीतीं हैं। मैहर में विधायक नारायण त्रिपाठी का बेटा विकास त्रिपाठी जनपद अध्यक्ष निर्वाचित हुआ है।