भोपाल
प्रदेश में पहले चरण के लिए हुए कम मतदान से भाजपा नाराज है। इसको लेकर अब पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से शिकायत भी की है। शिकायत में कहा गया है कि आयोग ने वोटिंग को लेकर तैयारियां बेहतर नहीं कराई जिसके चलते मतदाताओं को वोट डालने के लिए भटकना पड़ा। इतना ही नहीं वोटर लिस्ट में नाम काटे जाने से भी मतदाताओं को वोट डालने का मौका नहीं मिला। इसमें आयोग से मांग की गई कि जिन बीएलओ ने मतदाता पर्ची नहीं बांटी और उसके कारण लोगों को परेशानी हुई, साथ ही एक परिवार के सदस्यों के मतदान केंद्र अलग अलग निकले, ऐसे बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए आयोग कलेक्टरों को निर्देश जारी करे।
भाजपा का एक प्रतिनिधि मंडल गुरुवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त कार्यालय पहुंचा। इस प्रतिनिधि मंडल ने 6 जुलाई को हुई वोटिंग में प्रदेश भर के मतदाताओं से मिली शिकायत का जिक्र कर इस मामले में जिम्मेदारी तय करने का आग्रह किया। मौसम खुला होने के बाद भी शहरों में नगर सरकार के लिए हुई कम वोटिंग से भाजपा ने कल ही आपत्ति की थी और राज्य निर्वाचन आयोग की व्यवस्थाओं का आड़े हाथ लिया था। कल कम मतदान की स्थिति को देखते हुए भाजपा ने कुछ नगरों में वोटिंग टाइम बढ़ाने की भी मांग की थी जिसे आयोग ने नामंजूर कर दिया था। इसके अलावा भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने ट्वीट के जरिये भी नाराजगी जताते हुए कहा था कि नगरीय निकाय चुनाव के प्रथम चरण में भारी संख्या में लोगों को मतदाता पर्चियां नहीं मिली और एक परिवार के वोट कई मतदान केंद्रों पर विभाजित कर दिए गए। इस कारण कई लोग वोट ही नहीं डाल पाए। चुनाव आयोग बताए, इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं?
