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बाढ़ आई तो फंसे सिंधु नदी से अवैध रेत निकासी करते ट्रक, डंपर, अफ़सरों- माइनिंग माफिया का गठजोड़ देखें


भोपाल
प्रदेश में रेत माफिया द्वारा नदियों का सीना छलनी कर निकाली जा रही रेत खनन को कंट्रोल करने में राज्य सरकार नाकाम साबित हो रही है। भिंड जिले के सिंधु नदी में रेत के अवैध खनन के ऐसे ही कारोबार के खोल बारिश ने खोल दी। दरअसल बाढ़ का पानी अचानक सिंध नदी में बढ़ा तो नदी में अवैध खनन के बाद रेत परिवहन के लिये लोड हो रहे 60 से अधिक ट्रक, डंपर बाढ़ में फंस गए और निकल नहीं पाए। इस अवैध खनन और बाढ़ में फंसे ट्रकों, डंपरों का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। यह पहला मामला नहीं है जब अवैध खनन का खुलासा हुआ है। प्रदेश में नर्मदा नदी में भी अवैध खनन जोरों पर चल रहा है जबकि सरकार नर्मदा को जीवित नदी का दर्जा दे चुकी है। केन, बेतवा, चंबल, महानदी समेत अन्य नदियों में भी रेत का अवैध खनन जोरों पर चल रहा है और माइनिंग अफसर माफिया के हाथों की कठपुतली बनकर काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि बारिश के दौरान रेत खनन पर एनजीटी ने रोक लगा दी है लेकिन अफ़सरों औऱ खनन माफिया की मिलीभगत से अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है।
भिंड में अवैध रेत खनन का खुलासा होने के बाद आनन-फानन में माइनिंग विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची है। पानी के तेज बहाव में फंसे ट्रक और डंपर सहित 60 गाड़ियों को माइनिंग टीम ने चारों तरफ से घेरा है। 16 वाहनों को रोड से पकड़ कर पुलिस के सुपुर्द किया गया है। अभी भी 60 गाड़ियां नदी की बीच धार में फंसी हुई हैं। गाड़ियों की सुरक्षा के लिए नदी के आस।पास पुलिस तैनात की गई है। बताया जाता है कि रेत कंपनी शिवा कॉर्पोरेशन पर प्रशासन की मेहरबानी के चलते यह स्थिति बनी है। कंपनी के लोडर व रेत भरने वाली मशीनों को जब्त नहीं किया गया है और न रेत कंपनी पर ही की कोई कार्यवाही की गई है। यहां कंपनी शिवा कॉर्पोरेशन और पुलिस प्रशासन की मिली भगत से रेत का अवैध उत्खनन चल रहा था।


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