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मैरिज सर्टिफिकेट के लिए ADM का रीडर, मुआवजे के बदले भूअर्जन शाखा का बाबू 20 हजार लेते गिरफ्तार

भोपाल
विन्ध्य क्षेत्र के रीवा व सिंगरौली जिले में राजस्व विभाग का काम देखने वाले दो कर्मचारियों को लोकायुक्त पुलिस रीवा ने घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। रीवा में पदस्थ अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह का रीडर मैरिज सर्टिफिकेट के लिए 3500 रुपए की घूस लेते एडीएम आफिस में पकड़ा गया है तो सिंगरौली जिले में कलेक्ट्रेट में भू अर्जन का मुआवजा देने के मामले में एसडीएम का रीडर बीस हजार की घूस के साथ गिरफ्तार किया गया है।
रीवा लोकायुक्त पुलिस के अनुसार रीवा के अपर कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ रीडर आशुतोष मिश्रा ने सिरमौर निवासी मनीष कुमार प्रजापति का मैरिज सर्टिफिकेट जारी करने के बदले 6 हजार रुपए की घूस मांगी थी। मनीष ने रीडर आशुतोष को 2500 रुपए दे भी दिए थे लेकिन वह बाकी राशि न देने पर आवेदन निरस्त करने की धमकी दे रहा था। इस पर मनीष ने 23 जून से पेंडिंग आवेदन के मामले में घूस मांगे जाने की शिकायत 3 अगस्त को लोकायुक्त पुलिस रीवा से की। पुलिस ने इसका सत्यापन कराया तो रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। इसके बाद गुरुवार को रीवा में अपर कलेक्टर कार्यालय में रिश्वत लेते हुए बाबू को गिरफ्तार कर लिया गया। 

ऐसे पकड़ा गया 80 हजार मांगने वाला बाबू

इसके पहले एक अन्य कार्यवाही रीवा लोकायुक्त पुलिस द्वारा सिंगरौली कलेक्ट्रेट में की गई। यहाँ भू -अर्जन शाखा में पदस्थ सहायक ग्रेड -3 के लिपिक ने भू- अर्जन मुआवजे की एवज में प्रभावित व्यक्तियों से 80 हजार रुपये का रिश्वत मांगी थी। लोकायुक्त पुलिस टीम ने बताया कि सरई तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेलवार निवासी हीरालाल शाह ने शिकायत किया था कि कलेक्ट्रेट कार्यालय सिंगरौली में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 के लिपिक रविंद्र घोष मुआवजा राशि देने की एवज में करीब 7-8 प्रभावित व्यक्तियों से तकरीबन 80 हजार रुपये बतौर रिश्वत के रूप में मांग रहा है। हीरालाल शाह का कुल मुआवजा 9 लाख 8 हजार बना था, उससे भी 20 हजार रुपये की मांग की जा रही थी। शिकायत के सही पाए जाने के बाद गुरुवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय के भू- अर्जन शाखा में हीरालाल शाह ने जैसे ही लिपिक रविंद्र घोष को 20 हजार रुपये रिश्वत दी उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया। 
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