भोपाल
धार जिले के कारम डैम निर्माण के लिए जल संसाधन विभाग के अफसरों ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर करोड़ों रुपए का नुकसान सरकार को पहुंचाया है। इस बात के साबित होने के बाद भी अब तक सरकार ने इस मामले में किसी पर कोई एक्शन नहीं लिया है और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट व विभाग के प्रमुख अभियंता इस पूरे मामले पर पर्दा डालने में जुटे हैं, उधर नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा है कि करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में शिवराज सरकार गरीबों के दर्द को इवेंट की तरह पेश कर रही है और जिम्मेदारों को बचाने का काम किया जा रहा है।
ई टेंडर के जरिये हुए कारम डैम के टेंडर के खेल में मंत्री-अफसर सब चुपचाप तमाशा देखते रहे। बताया जाता है कि इस डैम के निर्माण का पहला कॉन्ट्रैक्ट गुजरात की कंपनी को मिला, लेकिन ई-टेंडर में टेंपरिंग उजागर होने पर इसे रद्द कर दिया गया। इसके बाद दिल्ली की एओएस कंस्ट्रक्शन को कॉन्ट्रैक्ट मिला तो उसने काम नहीं किया। AOS कंस्ट्रक्शन ने ग्वालियर की सारथी कंस्ट्रक्शन को काम दे दिया।
नेता प्रतिपक्ष बोले भ्रष्टाचार को इवेंट की तरह पेश कर रहे
कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध को लेकर नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि 40 हजार लोगों को बेघर होना पड़ा और सरकार उनके दर्द को इवेंट की तरह पेश कर रही है। ये शर्मनाक है, ऐसे सिस्टम से प्रदेश बर्बाद हो रहा है। डा. सिंह ने बताया कि 304 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे बांध का निरीक्षण किया। मुलाकात में प्रभावितों ने बताया कि खाने-पीने का इंतजाम तक नहीं है। मुआवजे की बात तो दूर है। अधिकारी अंग्रेजों जैसा बर्ताव कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने बांध निर्माण की न्यायिक जांच की मांग करते हुए सवाल उठाया है कि अभी तक संबंधित अधिकारियों और निर्माण कंपनी के कर्ताधर्ताओं में खिलाफ प्रकरण दर्ज क्यों नहीं हुआ ? डा. गोविंद सिंह ने कहा कि नवनिर्मित या निर्माणाधीन अरबों रुपये के बांध और पुल-पुलिया ध्वस्त हो रहे हैं।