मध्यप्रदेश के जनप्रिय मुख्यमंत्री भगवान के वरदान शिवराज सिंह चौहान दूरदृष्टा (विजनरी) तो हैं ही, साथ ही वे जो ठान लेते हैं वह करके दिखाते हैं। जनहित में लिए गए उनके अनेकों फैसले केंद्र द्वारा सराहे गए हैं और अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बन गए हैं। विकास में नवाचार पसंद सीएम शिवराज ने अब हवा और सूरज से प्रदेश को समृद्ध बनाने मन बनाया है यानी अब सीएम शिवराज का यह कमिटमेंट है कि वे सूरज और हवा से ही बिजली बनाने का प्रयास करेंगे। यह अपने आप में बहुत बड़ा निर्णय है। इसके पूर्व प्रदेश के रीवा में एशिया का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्लांट लगाया गया है।
सीएम शिवराज ने मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से विकसित राज्यों की श्रेणी में अव्वल स्थान पर लाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। दिन-रात मेहनत की और विशेषज्ञों से सलाह लेकर भविष्य की चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया। वर्षों पूर्व जिन योजनाओं को प्रारम्भ करके उन्होंने मध्यप्रदेश को सशक्त और समृद्ध बनाने का सपना देखा था आज उन योजनाओं के परिणाम भी सबके सामने हैं। आज प्रदेश, कृषि, खनिज, डेयरी विकास, सहकारिता, खाद्यान्न, भंडारण आदि कई क्षेत्रों में अव्वल स्थान पर है। अब बिजली के क्षेत्र में उनका विशेष ध्यान है। सीएम शिवराज के प्रयासों से ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनने जा रहा है। यही नहीं मप्र के विकास पुरुष शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में गुरुवार को नर्मदा नदी के बैक वाटर पर बनने वाले फ्लोटिंग सौर परियोजना के प्रथम चरण का अनुबंध भी हो गया है। इसके अंतर्गत छह सौ मेगावाट की परियोजना के प्रथम चरण में 278 मेगावाट क्षमता के अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए हैं। योजना के तहत नर्मदा नदी के बैक वाटर पर लगभग 2 हजार हेक्टेयर में सोलर पैनल्स लगाई जाएंगी। ओंकारेश्वर का फ्लोटिंग पॉवर प्लांट अद्भुत है। पूरी दुनिया में ऐसे सिर्फ दस ही प्लांट हैं। मुख्यमंत्री का विजन स्पष्ट है। उनका मानना है कि भोपाल को 124 दिन जितने पीने की पानी की ज़रूरत होती है, उतना पानी इस योजना से बच जाएगा। यही वजह है कि वे अपने इस कमिटमेंट को पूरा करने के लिए जी-जान से जुटे हैं।
सीएम ने कहा है कि 2027 तक मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता बढ़ाकर 20 हज़ार मेगावाट कर दी जाएगी। हमारे यहाँ कई किसानों ने खेती में सोलर प्लांट लगाने का फ़ैसला किया है। सरकारी दफ़्तरों में सोलर पैनल बिछनी चाहिए, ऐसे निर्देश दिए हैं। सीएम का कहना है कि मध्यप्रदेश को भारत का हृदय (हार्ट ऑफ इंडिया) कहा जाता है। मध्यप्रदेश को ‘लंग्स ऑफ इंडिया’ बनाना मेरा सपना है। मैं सभी सोलर एनर्जी बनाने वाले को आमंत्रित करता हूँ कि वे मध्यप्रदेश आएं, यहां निवेश करेें। मध्यप्रदेश शांति का टापू है। यहाँ आकर निवेश ज़रूर करें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है, हम धरती को मां मानकर उसका कर्ज़ पूरा करें। बिजली बचाना बिजली बनाने से ज़्यादा जरूरी है। मैं खुद अपने बाथरुम की बिना बिजली बंद करे नहीं निकलता। मैं किसी और के बंद करने का इंतजार नहीं करता। हर वक्त जनता का कल्याण सोचने वाले सीएम ने कहा कि आपकी कमाई का टैक्स हमारे पास आता है। अगर बिजली अनावश्यक प्रयोग न हो तो 4 हज़ार करोड़ की बिजली बच सकती है यानी सीएम की भावना स्पष्ट है कि प्रदेश में विकास के साथ-साथ जनकल्याण भी जरूरी है। यही वजह है कि मध्यप्रदेश की जनता कहती है कि प्रदेश में शिवराज है तो सब संभव है।
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