मध्यप्रदेश में अतिवृष्टि के कारण कई जिले बाढ़ की चपेट में है। जहां चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जननायक विकास पुरुष भगवान के वरदान शिवराज सिंह चौहान संकटमोचक बनकर उनके बीच पहुंचे हैं। संवेदनशील शिवराज जी निरंतर उन बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचकर राहत और मदद के लिए प्रशासन के अमले को निर्देशित कर रहे हैं। विदिशा जिले में कमर कमर तक पानी में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने से लेकर उन्हें राहत पहुंचाने का काम खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हे का कहा कि बाढ़ प्रभावितों की मदद में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। अपनों के बीच पहुंचे शिवराज ने पीड़ितों को गले लगाया और ढांढस बंधाया। ऐसे में पीड़ितों का दुख खुशी में बदल गया। सीएम ने कहा कि जन क्षति हो या पशुधन क्षति राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुरैना जिले के बाढ़ राहत कैंप में भी प्रभावितों से जाकर मिले और प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही राहत के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने आत्मीयता से प्रभावितों के साथ चर्चा की। अभी यह देखने में आ रहा है कि चंबल नदी का जल स्तर बढ़ने से मुरैना, भिंड और श्योपुर के लगभग 100 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस संकट में मुश्किल और परेशानियां बहुत हैं, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार उनको हर संभव मदद करेगी। प्रभावित लोगों को राहत शिविर में लाकर उनकी सुरक्षा आवश्यकता की सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सभी प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराकर जो भी नुकसान है उसकी भरपाई मध्य प्रदेश सरकार जल्द करेगी। प्रभावितों की मदद के लिए स्थाई और अस्थाई रूप से कार्य किए जाएंगे। सीधे जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करेगा। सीएम ने यह भी निर्देश अधिकारियों को दिए कि सर्वेक्षण का कार्य पूरी संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ किए जाएं। सर्वेक्षण में न केवल मकान, दुकान बल्कि पशु, खाद सामग्री एवं फसल का भी सर्वेक्षण कराया जाए। सर्वेक्षण के आधार पर जिसका भी जो नुकसान हुआ होगा वह प्रभावितों को मध्य प्रदेश सरकार प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से यह भी आह्वान किया कि जिन गांवों में हर साल बार-बार बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है ऐसे गांव के निवासियों की सहमति के आधार पर उन्हें ऊंचाई वाले उचित स्थान पर बसाने का कार्य किया जाएगा। ऐसे स्थानों पर लोगों को आवास निर्माण करने की मदद भी प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी सरकार मुहैया कराएगी। बाढ़ का पानी जब तक उतर नहीं जाता तब तक लोग राहत कैंप में ही रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार बाढ़ प्रभावितों के बीच पहुंच रहे हैं और प्रशासन के अमले को बाढ़ प्रभावितों की हर संभव मदद के लिए निर्देशित कर रहे हैं। लगातार कलेक्टरों से संवाद कर बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए कह रहे हैं। मुझे लगता है मध्यप्रदेश के इतिहास में इतना संवेदनशील और जनता से आत्मीयता रखने वाला मुख्यमंत्री अब तक न हुआ है न होगा जो दिन रात सिर्फ अपने प्रदेश की भगवान रूपी जनता की सेवा करता है।
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