भोपाल
बुधवार का दिन प्रदेश में भ्रष्ट अफ़सरों, कमर्चारियों के यहाँ छापे के नाम रहा। ईओडब्ल्यू ने सुबह भोपाल में चिकित्सा शिक्षा के बाबू और जबलपुर में नगर निगम के इंजीनियर के घर पर छापा डाला। वहीं इंदौर में एक गृह निर्माण समिति के तत्कालीन पदाधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की। भोपाल के बैरागढ़ में रहने वाले हीरो केसवानी चिकित्सा शिक्षा विभाग में उच्च श्रेणी लिपिक हैं। उनके खिलाफ ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज करने के बाद आज सुबह छापा डाला। छापे में नकदी और जमीनों के दस्तावेज मिले हैं।
जबलपुर में सहायक यंत्री शुक्ला के यहाँ हुई कार्रवाई में ईओडब्ल्यू को प्रॉपर्टी के तीन दस्तावेज, तीन कारें और बैंकों में जमा 6.40 लाख की जानकारी मिली है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में सहायक यंत्री के जबलपुर स्थित रतनपुर निवास में अभी कार्यवाही चल रही है।
भोपाल में फिनाईल पी लिया था बाबू ने
उधर भोपाल में चिकित्सा शिक्षा विभाग के यहाँ छापे के लिए पहुंची ईओडब्ल्यू की टीम को देखकर कर्मचारी हीरो केसवानी ने फिनाईल पी लिया। इसके बाद आनन फानन में ईओडब्ल्यू के टीम उन्हें लेकर जेपी अस्पताल पहुंची। यहां से उन्हें हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां पर उनका इलाज चल रहा है। इसके चलते ईओडब्ल्यू की टीम करीब दो घंटे तक उनके घर के बाहर बैठी रही। जब यह पता चला कि हीरो केसवानी की स्थिति ठीक है, इसके बाद छापे की कार्यवाही शुरू हो सकी।
कसेरा गृह निर्माण समित का पौने चार करोड़ का घपला
इधर इंदौर की कसेरा गृह निर्माण सहकारी संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष, भू-स्वामी और अन्य के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज किया है। इस संस्था ने तीन करोड 88 लाख रुपए का घोटाला किया है। बताया जाता है कि संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष मधुकर सोमण, शुभदा परांजये भू-स्वामी डॉ. हेमंत फाटक ने साथ में मिलकर फर्जी अनुबंध लेख तैयार कर संस्था में जमा 3 करोड़ 88 लाख रुपए की धोखाधड़ी संस्था के सदस्यों के साथ की। इस मामले में इन तीनों को आरोपी बनाया गया है।