भोपाल
सामान्य प्रशासन विभाग ने अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को केंद्र सरकार द्वारा घोषित तिथि के अनुसार जुलाई 21 से 31% व जनवरी 22 से 34% मंहगाई भत्ता दिए जाने के आदेश जारी किए हैं। सरकार के इस आदेश के बाद प्रदेश के कर्मचारियों में निराशा और आक्रोश है कि महंगाई में भी सरकार ने भेदभाव कर दिया। जिन्हें अधिक वेतन मिलता है उन्हें ज्यादा महंगाई प्रभावित मानकर एक साल पहले से लाभ दिया जा रहा है और राज्य सरकार के अधिकारियों कर्मचारियों की अनदेखी की जा रही है। इस आदेश के बाद कर्मचारी संगठनों ने राज्य शासन के कर्मचारियों को भी जुलाई 21 से एवं जनवरी 22 से महंगाई भत्ता देने के आदेश जारी करने की मांग की है।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी न मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि एक ही राज्य में अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए महंगाई समान है। अधिकारी और कर्मचारियों में महंगाई भत्ते में भेदभाव होने से कहीं न कहीं कार्य पर असर होता है और कर्मचारी वर्ग में निराशा आती है। सामान्य प्रशासन विभाग के 18 अगस्त 2022 को जारी आदेश के तहत जिस प्रकार अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को केंद्र सरकार के समान जुलाई 21 एवं जनवरी 22 से केंद्र की तरह महंगाई भत्ता देने के लिए पत्र जारी किया गया है उसी प्रकार से राज्य शासन के कार्यरत कर्मचारी एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता/मंहगाई राहत दिए जाने के आदेश राज्य सरकार जारी करे।
₹2 लाख से अधिक का होगा फायदा अफसरों को
कर्मचारी नेता उमाशंकर तिवारी ने कहा कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को जुलाई 21 से 31% महंगाई भत्ता मिलने से महंगाई भत्ते में लगभग 11% वृद्धि होगी। दिसंबर 21 तक 6 महीने का एरियर ₹ 148500 एवं जनवरी 22 से 34% होने पर 14% की वृद्धि होगी तो लगभग ₹ 63000 कुल मिलाकर ₹ 211500 से अधिक नगद पैसा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यदि कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि की जाती और पिछली दिनांक से दिया जाता तो वह सब राशि जीपीएफ में जमा कर दी जाती लेकिन अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को यह राशि नगद भुगतान की जाएगी। हर जगह अधिकारी और कर्मचारियों में भेदभाव है।
share