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सवा 6 साल से अटके कर्मचारियों के प्रमोशन, जानिये अब कब है लम्बे अंतराल के बाद सुनवाई

भोपाल

सुप्रीम कोर्ट पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई मंगलवार को करेगा। कोर्ट सबसे पहले मध्य प्रदेश का पक्ष सुन सकता है क्योंकि सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण संस्था (स्पीक) ने मामले में जल्द सुनवाई का आवेदन लगाया है। इससे पहले एक सितंबर को सुनवाई तय की गई थी पर किन्हीं कारणों से नहीं हो सकी।

सवा छह साल से पदोन्नति में आरक्षण का मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण मध्य प्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं हो पा रही है। कर्मचारी इस मामले का हल जल्द चाहते हैं। क्योंकि उन्हें सेवानिवृत्ति से पहले पदोन्नति नहीं मिल पा रही है।

आरक्षित व अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी राज्य सरकार से कोर्ट के निर्णय के अधीन पदोन्नति शुरू करने का आग्रह भी कई बार कर चुके हैं पर सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हुई है। इस अवधि में प्रदेश में 70 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें से करीब 35 हजार को इसी अवधि में पदोन्नति मिलनी थी।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सेवाकाल में लागू किये गए 'मप्र लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002" खारिज किया था और जिन्हें इस नियम से पदोन्नति दी गई थी, उन्हें रिवर्ट करने के आदेश दिए गए थे। इसके बाद हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ तब शिवराज सिंह चौहान सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले में बिंदु तय कर दिए हैं जिसके आधार पर मामले में निर्णय आना है।

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