भोपाल
प्रदेश में घूसखोरी के मामलों में लगाम नहीं लग पा रही है। मंगलवार को नौकरी लगाने के नाम पर एक आरक्षक में 8 लाख रुपए मांगे और डेढ़ लाख की रिश्वत के साथ गिरफ्तार हुआ वहीं जबलपुर और खरगोन में महिला लेखा अधिकारी और श्रम निरीक्षक 80-80 हजार रुपये की घूस के साथ गिरफ्तार किए गए हैं।
इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को 34 वीं बटालियन में धार में पदस्थ आरक्षक ईश्वर योगी को डेढ़ लाख की घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। इंदौर के अरण्य नगर में रहने वाले योगेश ठाकुर ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की थी कि आरक्षक ईश्वर सिंह योगी ने यूनिवर्सिटी में रजिस्टर्ड की नौकरी लगाने के नाम पर 8 लाख रुपए की मांग की थी जहां फरियादी से उनका सौदा तय हो गया था और पहली डेढ़ लाख की क़िस्त मंगलवार को देना तय हुआ था और बाकी रुपये दो किस्तों में देना था। शिकायत पर लोकायुक्त की टीम मौके पर पहुंची और जैसे ही फरियादी ने रिश्वत के डेड़ लाख रुपये आरक्षक को दिए वैसे ही टीम ने रुपये लेते हुए उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरक्षक 34 वीं बटालियन में आरक्षक है और कोतवाली कंपनी इंदौर में पदस्थ है।
ट्रेवल्स कारोबारी से 80 हजार लेते धराई लेखा अधिकारी
जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ जिला लेखा प्रबंधक को 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। लेखा प्रबंधक अधिकारी श्रद्धा ताम्रकार ने ट्रैवल्स कारोबारी का बिल पास करने के एवज में 1 लाख 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। ट्रैवल्स कारोबारी सुनील कुमार ने इसकी शिकायत जबलपुर लोकायुक्त एसपी संजय साहू से की थी। शिकायतकर्ता सुनील मिश्रा ने बताया कि बीते कई महीने से ट्रैवल्स का बिल पास करवाने के लिए वह श्रद्धा ताम्रकार के चक्कर काट रहे थे, पर हर बार जिला लेखा प्रबंधन के द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी। ट्रैवल्स संचालक सुनील कुमार की स्वास्थ्य विभाग में गाड़ियां चलती हैं, जिसका बिल काफी समय से बकाया था। बिल श्रद्धा ताम्रकार के द्वारा ही फाइनल किया जाता है।
खरगोन में श्रम निरीक्षक बना रिश्वतखोर, 80 हजार घूस के साथ गिरफ्तार
उधर इंदौर के लोकायुक्त पुलिस अफसर ने बताया कि फरियादी आदित्य जैन पिता हरीश जैन बड़गांव में निजी स्कूल का संचालक करते हैं। कोरोना काल के दौरान वेतन वितरण का मामला निपटारे के लिए श्रम निरीक्षक सपन गोरे ने आदित्य से डेढ़ लाख रुपए मांगे थे। बाद में 80 हजार में सौदा तय हुआ लेकिनस्कूल संचालक ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस में कर दी। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। आवेदक से मंगलवार को जैसे ही श्रम निरीक्षक ने रिश्वत की राशि ली, उसी समय लोकायुक्त की टीम ने वहां दबिश देकर निरीक्षक को दबोच लिया। लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई के दौरान आरोपी गोरे से रिश्वत की रकम बरामद की। कागजी कार्रवाई के लिए पकड़कर सर्किट हाउस पहुंचे जहां आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।