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पोषण आहार पर सदन में विधायकों के बीच धक्का-मुक्की, किसी का हाथ मरोड़ा तो किसी का पजामा फटा

भोपाल

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बुधवार को सदन के भीतर पोषण आहार के घपले की जांच संबंधी तख्तियां लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायकों को रोकने को लेकर जमकर हंगामा हुआ और प्रश्नकाल का आधा घंटा से अधिक समय हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस विधायकों के सदन में तख्तियां लेकर प्रवेश करने पर वहां तैनात  सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान विधायक मनोज चावला का हाथ मरोड़ने और पाचीलाल मेड़ा का पजामा फटने से कांग्रेसी उग्र हो गए और गर्भगृह के पास पहुंचकर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। 

बुधवार को प्रश्नकाल शुरू होने के बाद एक सवाल का जवाब पूरा हो पाया था कि कांग्रेस विधायक मनोज चावला, पाचीलाल मेड़ा व अन्य सदन के भीतर पोषण आहार जांच संबंधित तख्तियां लेकर सदन के भीतर घुसने लगे। इस पर उनसे तख्तियां ली गईं और इस दौरान विधायकों के साथ धक्का मुक्की की स्थिति भी बनी। विधायक मनोज चावला ने कहा कि सिक्योरिटी अफसर ने उनका हाथ मरोड़ा है उस पर कार्यवाही की जाए। वहीं इस धक्का मुक्की में पाचीलाल ने अपना पजामा फटने की बात कही और सदन में संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के पास पहुंचकर फटा पजामा दिखाने लगे। इस बीच बाकी कांग्रेसी विधायक भी गर्भगृह में आ गए और सरकार की गुंडागर्दी नहीं चलेगी के नारे लगाते हुए वहीं बैठ गए। कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा, अजय विश्नोई और अन्य के साथ कांग्रेस विधायकों की बहस होने लगी। उमाकांत इस दौरान पाचीलाल मेड़ा तक पहुंच गए और बाकी विधायक भी वहां आ गए और बहस के बीच विधायकों के मध्य धक्का मुक्की भी हुई। हंगामे के दौरान विधायक पाची लाल मेड़ा, बाला बच्चन समेत अन्य भी जोर जोर से बोलते रहे। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बदतमीजी की और उनकी कॉलर पकड़ी। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा, बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने हमारे आदिवासी विधायक पांचीलाल मेढ़ा की कॉलर पकड़ी और उन्हें धक्का दिया। जब काफी देर तक हंगामा नहीं रुका तो विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने 11.35 बजे पांच मिनट के लिए विधानसभा स्थगित कर दी। इसके बाद जब सदन समवेत हुआ तो फिर हंगामा होने लगा जिसके चलते प्रश्नकाल तक के लिए विधानसभा स्थगित कर दी गई। 

नियम का उल्लंघन नहीं होने देंगे-गौतम

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने हंगामे के दौरान सदन के आचरण नियमों का हवाला देते हुए कहा कि नियमावली में प्रावधान है कि तख्तियां लेकर सदन के भीतर नहीं आ सकते। इसका पालन करना होगा। इसकी छूट किसी को नहीं दी जाएगी। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सदन के भीतर किसी नेता को एससी या आदिवासी नहीं कहा जाएगा, उधर विधायक चावला इस बात पर अड़े रहे कि उस अफसर पर कार्यवाही हो जिसने उनका हाथ मरोड़ा है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उनका हाथ नहीं मरोड़ा गया है बल्कि तख्ती लाने से रोकने का काम किया गया है। 

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