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पोषण आहार पर सियासत, विधानसभा स्थगित किये जाने के बाद भी गर्भगृह में धरने पर बैठे रहे कांग्रेस MLA

भोपाल

विधानसभा में बुधवार को पोषण आहार मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वक्तव्य से असंतुष्ट कांग्रेस विधायक विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित किए जाने के बाद गर्भगृह में धरने पर बैठे रहे। विधायकों ने शिवराज सरकार पर पोषण आहार घोटाले के मामले में चर्चा से भागने का आरोप लगाया और कहा कि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा कराए बगैर सरकार इस मामले में भाग रही है।

 उधर इसके पहले विधानसभा के पावस सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से पोषण आहार के मामले में जवाब देने की अनुमति मांगी। उन्होंने कहा कि पोषणा आहार के मामले में भ्रम फैलाए जा रहे हैं। सदन के माध्यम से वे जनता के सामने स्थिति स्पष्ट करना चाहते हैं। इसलिए अध्यक्ष इसकी अनुमति दें। इस पर स्पीकर गौतम ने कहा कि प्रश्नकाल के बाद सीएम चौहान पोषण आहार के मामले में जवाब देंगे। इस पर कांग्रेस विधायक विरोध पर उतर आए और कहने लगे कि सीएम के वक्तव्य के पहले पोषण आहार मामले पर विपक्ष के प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विरोध शुरू कर दिया और प्रश्नकाल पूरी तरह से नहीं चल सका। 

प्रश्नकाल का समय खत्म होने तक चले हंगामे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी सदन में आ गए और पोषण आहार मामले पर फिर चर्चा की मांग की जाने लगी। इस दौरान नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सीएम पहले अपना वक्तव्य दे दें। इसके बाद विपक्ष अपनी बात रखे ले और जो सप्लीमेंट्री सवाल करना चाहते हैं वे कर सकते हैं लेकिन कांग्रेस विधायक इसके लिए सहमत नहीं थे। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस विधायकों की ओर मुखातिब होकर कहा कि वे कांग्रेस के पाप धो रहे हैं। इस दौरान हंगामे के चलते सीएम शिवराज का पोषण आहार मामले में वक्तव्य समाचार लिखे जाने तक शुरू नहीं हो सका था। कांग्रेस विधायक पहले चर्चा पर अडेÞ थे। 

प्रश्नकाल के बाद ऐसे चला घटनाक्रम

-@दोपहर 12.13 बजे सदन समवेत हुआ तो सीएम के बोलने से पहले कांग्रेसी चर्चा की मांग करने लगे। 

-@नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह ने कहा कि सरकार चर्चा से भाग रही है। पहले चर्चा हो फिर सीएम जवाब दें। तानाशाही से सदन नहीं चलेगा। चर्चा कराएं। 

-@संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पाइंट आफ आर्डर में जवाब दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पाप धो रहे हैं। 

-@लोक निर्माण मंंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि किसी भी विषय पर सीएम को वक्तव्य देने से रोका नहीं जा सकता है। 

-विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि 12 मार्च 1985, 18 मार्च 2001 को भी इसी तरह चर्चा हो चुकी है। इसलिए सीएम जवाब दे सकते हैं। 

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