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कांग्रेस MLA ने सदन में फाड़ा कुर्ता, मीडिया के सामने रोये, हंगामे के बीच विधेयक, अनुपूरक बजट पास

भोपाल

मध्यप्रदेश विधानसभा का पावस सत्र पोषण आहार घपले पर चर्चा को लेकर कांग्रेस की मांग और हंगामे के बीच अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। सत्र स्थगित करने से पहले कांग्रेस विधायक सदन में नारेबाजी करते रहे और इस बीच विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अनुमति से सरकार ने सभी प्रतिवेदन और ध्यानाकर्षण पढे हुए मान लिए तथा अनुपूरक बजट को पास कर विधेयक पारित घोषित कर दिया गए। 
सत्र शुरू होने के पहले कांग्रेस विधायक विधानसभा के गेट नंबर 3 के सामने धरने पर बैठ गए। विधायक नारेबाजी करते हुए विधानसभा के अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे। यहीं मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा रो पड़े। इसके पहले सदन में अध्यक्ष के पास पहुंच कर पांची लाल मेड़ा ने अपना कुर्ता फाड़ दिया जिसके बाद कांग्रेसी और हंगामा करने लगे।

रोते हुए मीडिया से बोले मेड़ा

उन्होंने मीडिया से कहा कि 'मैं कल जब विधानसभा में अध्यक्ष के पास जा रहा था, तब गेट पर पुलिसवालों ने मुझसे मारा-कूटी की। मैंने अध्यक्ष को बताया कि मेरे साथ ऐसी घटना हुई है तो भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने मेरे साथ धक्का-मुक्की कर दी। उन्होंने मेरा गला दबाकर मारने की कोशिश की। मैंने कहा, मैं अपने क्षेत्र में पुनर्वास की बात को क्यों नहीं उठाऊं ? मेरे क्षेत्र में सरकार ने पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की। किसान जंगलों में रहने को मजबूर हैं। ये 500 परिवार कहां जाएं। सीएम शिवराज आज तक वहां नहीं गए। मैंने आवाज उठाई तो साजिश के तहत मुझ पर हमला किया गया।उन्होंने कहा कि मुझे विधानसभा अध्यक्ष और गृहमंत्री को बताने का अधिकार नहीं है क्या ? मुझ पर जानलेवा हमला हुआ है। मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए, जो सुरक्षा दी है वह भी ले ली जाए। मैं किसान भाइयों के लिए मरने को तैयार हूं।'

प्रश्नकाल शुरू होते ही जमकर हंगामा, अनुपूरक बजट, विधेयक हंगामे के बीच पारित

इससे पहले गुरुवार को जब विधानसभा सत्र की कार्यवाही शुरू हुई तो प्रश्नोत्तर काल के दौरान ही नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष गौतम से पोषण आहार मामले पर चर्चा कराने की मांग की। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अब चर्चा नहीं हो सकती। अभी यह विषय खत्म हो गया है। नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष की बात रखने के लिए कल आश्वासन दिया था। इस पर विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने कहा कि उन्होंने आश्वासन दिया था कि विपक्ष को अपनी बात इस मुद्दे पर रखने को मौका देंगे और कल जब मुख्यमंत्री का वक्तव्य समाप्त हुआ तो इसके लिए उनके द्वारा नेता प्रतिपक्ष को सदन ने अपनी बात रखने के लिए बुलाया गया। नेता प्रतिपक्ष खड़े हुए लेकिन वातावरण ऐसा बना कि नेता प्रतिपक्ष अपनी बात नहीं कह सके। अध्यक्ष ने कहा कि सदन की कार्यवाही के बाद इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष कक्ष में चर्चा की जा सकती है लेकिन नेता प्रतिपक्ष नहीं माने और कांग्रेसी विधायक शोर शराबा और हंगामा करते रहे। यह देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन के आगे बढ़ाने के लिए मंत्रियों को प्रतिवेदन पढ़ने और अन्य प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा। इस दौरान शोर-शराबे और हंगामे के बीच शून्यकाल की सूचनाएं पढ़ी हुई मान ली गईं और मंत्रियों के प्रतिवेदन, ध्यानाकर्षण के साथ अनुपूरक बजट को भी पारित घोषित कर दिया गया। साथ ही सरकार की ओर से कल पेश किए गए सभी विधेयक पारित कर दिए गये। इसके बाद विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित घोषित कर दी गई।

मेड़ा ने सदन में फाड़ा कुर्ता, मांगी सुरक्षा

 जब यह सब चल रहा था उसी समय विधायक पाची लाल मेडा गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के पास पहुंचे और अपना कुर्ता फाड़ते हुए सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा नहीं दे सकते हैं उनको दिया गया सुरक्षा कर्मी भी वापस ले लिया जाए। उन्होंने विधायक उमाकांत शर्मा से अपनी जान को खतरा बताया और कहा कि वे कारम बांध और पोषण आहार मामले में भ्रष्टाचार की जांच की मांग कर रहे हैं, इसलिए उन्हें धमकाया जा रहा है, उनकी जान को खतरा है। उन्होंने कहा कि विधायक उमाकांत शर्मा विधानसभा के माध्यम से नोटिस जारी कराने की कोशिश कर रहे हैं। उधर विधायक उमाकांत शर्मा ने भी अपनी जान को खतरा बताया और गृहमंत्री से सुरक्षा मांगी तो कांग्रेस विधायकों ने गृहमंत्री से इस्तीफे की मांग कर दी। गौरतलब है कि विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पूर्व गुरुवार को कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा भवन के बाहर धरना दिया और आदिवासी विधायक के अपमान के मामले में कार्रवाई की मांग की।

जैसा कांग्रेस का गाना, वैसा हमारा बजाना- नरोत्तम

संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है, जैसा कांग्रेस का गाना होगा, वैसा हमारा बजाना होगा। विपक्ष सदन चलने नहीं देना चाहता, इसका कारण विपक्ष का एक्सपोज होना है। उनके पास कोई वक्ता भी नहीं है, इसलिए सिर्फ हंगामा कर सदन के संचालन में अवरोध उत्पन्न करते हैं।

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