भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अभी आलौकिक है श्री महाकाल लोक लेकिन जब काम पूरे होंगे तो श्री महाकाल लोक का नाम श्री महाकाल महालोक के रूप में परिवर्तित होगा। उन्हीं की कृपा से 47 हेक्टेयर का यह विशाल परिसर भारत की आध्यात्मिक ऊर्जा का एक अलौकिक केंद्र होगा। आज उन्हीं कामों को देखने, निरीक्षण करने मैं यहां आया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पत्र के माध्यम से देश के प्रमुख लोगों, सभी राज्यपाल, मुख्यमंत्रियों एवं केंद्रीय मंत्रियों को श्री महाकाल लोक के दर्शन का आमंत्रण और प्रसाद भेजेंगे।
सीएम के निरीक्षण के दौरान बताया गया कि उज्जैन में श्री महाकाल लोक के दूसरे चरण के विकास कार्यों के दौरान 20 फीट की गहराई में 11वीं शताब्दी के परमार कालीन प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं। बताया गया कि 1234 ई. में महाकाल मंदिर पर हुए आक्रमण के समय मंदिर ध्वस्त हुआ था। स्थानीय शासकों द्वारा इसका पुनर्निर्माण कराया गया जिसके बाद 17वीं शताब्दी में इसे पुन: ध्वस्त कर दिया गया। उपलब्ध वास्तुखंडों के आधार पर शिखर के कलश तक की ऊँचाई 37 फीट निर्धारित की गई है। शिखर दर्शन, ध्यान कक्ष, छोटे रुद्रसागर का जीर्णोद्धार, 10वीं शताब्दी का प्राचीन मंदिर, उसे फिर से व्यवस्थित करना, हेरिटेज धर्मशाला और आध्यात्मिक वातावरण में सुविधाओं का निर्माण करना है।
आयोजन समिति के साथ चर्चा, सुझाव लिए
सीएम शिवराज ने श्रीमहाकाल लोक के आयोजन समिति के साथ विचार-विमर्श किया और आगामी व्यवस्थाओं को लेकर समिति द्वारा दिए गए सुझावों पर की चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुड़ी पड़वा से लेकर होली तक भी देश दुनिया के लोग श्री महाकाल लोक के दर्शन को आएंगे, इसलिए अधिकारी योजना पर काम करें। चर्चा के दौरान लोगों ने सुझाव दिया कि दर्शन की व्यवस्था ठीक रहे, आसानी से महाकाल लोक देख सकें। प्रतिदिन के हिसाब से लोगों के आने की जानकारी हो। जिन गांवों से लोग आएंगे वे अपने गांव के कुएं, बाबड़ी और नदी का पवित्र जल लेकर आएं और रुद्र सागर में समर्पित करें। परंपराएं बनीं रहें, ये घूमने का स्थान नहीं है, प्रेरणा देने और लेने का पवित्र स्थल है। उज्जैन प्रवास के दौरान सीएम चौहान ने महाकाल लोक के काम में लगे मजदूरों, कारीगरों का सम्मान किया।
मेघदूत वन का भूमिपूजन
उज्जैन में माफिया से मुक्त 69 करोड़ की सात एकड़ जमीन पर मेघदूत वन तैयार होगा। यह महाकालेश्वर मंदिर और श्री महाकाल लोक की विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए होगा। यह श्री महाकाल लोक के द्वितीय चरण के अंतर्गत बन रहा है। मेघदूत वन के अंतर्गत 11.36 करोड़ की लागत से शहरी वन क्षेत्र विकसित किया जाएगा। साथ ही 650 वाहनों की पार्किंग एवं ई-वाहन हेतु चार्जिंग व्यवस्था होगी। यहां पैदल मार्ग, बैठने के साथ, भोजनालय एवं नदी के किनारे के कटाव को रोकने के लिए मियावाकी वन तकनीक के साथ विभिन्न 55 प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। योग करने के लिए स्टेज भी निर्मित किया जाएगा।