भोपाल
रिटायर्ड आईएएस अफसर राधेश्याम जुलानिया पर एक फर्म से 99.5 लाख रुपए लेने के लिए मामले में लोकायुक्त संगठन ने जांच शुरू कर दी है। प्रकरण सितंबर में दर्ज कर जांच की जा रही है। इस संबंध में लोकायुक्त को जो शिकायत की गई थी, उसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्यवाही का हवाला भी दिया गया था।
शिकायत में बताया गया था कि भोपाल के जिस बंगले में जुलानिया रहते हैं, उसका भूखंड उन्होंने स्वयं और पत्नी अनिता के नाम पर खरीदा है। जमीन को खरीदने की रकम अर्नी इन्फा के खाते से अलग अलग बैंक खातों में घुमाकर जुलानिया के एकाउंट में भेजी गई थी। शिकायत में यह भी लिखा गया था कि जनवरी 2021 में ईडी की टीम ने अर्नी इंफ्रा के मालिक आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। जिसमें यह पता चला था कि जल संसाधन विभाग के सबसे बड़े ठेकेदार राजू मेंटाना की ओर से प्रदेश के वरिष्ठ अफसरों को रिश्वत बांटने का काम किया जाता है। अर्नी इंफ्रा को मेंटाना की ओर से 93 करोड़ के काम सबलेट के नाम से मिले थे।
जुलानिया लंबे समय तक जल संसाधन विभाग के मुखिया रहे थे और उनके कार्यकाल में मेंटाना को सैकड़ों करोड़ के काम दिए गए थे। इस शिकायत को लेकर लोकायुक्त संगठन के विधि अधिकारी अवधेश कुमार गुप्ता ने शिकायतकर्ता को लिखित सूचना देकर बताया है कि शिकायत के आधार पर लोकायुक्त संगठन ने जुलानिया के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।