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बिजली कर्मचारियों ने सरकार को बताया श्रमिक विरोधी, 23 नवम्बर को धरना देकर प्रदर्शन, दिसम्बर में आंदोलन

भोपाल
बिजली कर्मचारियों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से कार्यवाही की मांग कर चुके बिजली कर्मचारी अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। इसकी शुरुआत बुधवार को गोविंदपुरा स्थित बिजली नगर में प्रदर्शन के साथ होगी। यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स ने मध्य प्रदेश सरकार की नीतियों को श्रमिक विरोधी बताते हुए आंदोलन की तैयारी शुरू की है।
 मुख्‍यमंत्री से म.प्र. की विद्युत कंपनियों की समस्‍याओं एवं मांगों के संबंध में चर्चा करने के लिए अनुरोध किया गया था जिसमें मध्‍यप्रदेश की  विद्युत कंपनियों में सुधार के लिए सुझाव दिए गए थे। इसमें विद्युत कं‍पनियों में कार्यरत सभी वर्गों की समस्‍याओं पर चर्चा के लिए 15 दिन में समय देने का अनुरोध भी शामिल था। फोरम के प्रांतीय संयोजक व्हीकेएस परिहार ने बताया कि 15 दिन व्‍यतीत होने के उपरांत 6 नवंबर 2022 को श‍िवाजी नगर स्‍थि‍त हनुमान मंदिर में सदबुद्धि यज्ञ भी किया जा चुका है, उसके उपरांत भी फोरम के अनुरोध पर किसी भी स्‍तर से कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। इसी तारतम्‍य में 23 नवम्बर को गोविन्‍दपुरा स्‍थ‍ित‍ बिजली नगर, भोपाल में दोपहर 12 बजे से धरना प्रदर्शन करते हुये रैली निकाल कर मुख्‍यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया जायेगा। 

फोरम की प्रमुख मांगें    

1- फोरम मांग करता है कि मध्‍यप्रदेश की विद्युत कंपनियों के पेंशनर्स को केन्‍द्र सरकार द्वारा दिया जा रहा महगाई राहत 38% तुरंत दिया जाये, वर्तमान में उन्‍हें शासन के पेंशनर्स से भी 6% कम महगाई राहत दी जा रही है जो कि अत्‍यंत निंदनीय है। भविष्‍य में समय से पेंशन के भुगतान की सुनिश्‍च‍ित व्‍यवस्‍था करने उत्तर प्रदेश शासन के अनुसार विद्युत मण्‍डल के पेंशनर्स की पेंशन ट्रेजरी से देना शुरू की जावे। 

2- विद्युत वितरण कंपनियों के संगठनात्मक संरचना को अंतिम रूप देते हुए सभी पदों को गुजरात राज्य की कंपनियों के अनुसार नियमित पदों से भरा जाए जिसमें आज दिनांक में कार्य संविदा अधिकारी कर्मचारियों को भाजपा जन संकल्प 2013 पूरा करते हुए नियमित किया जावे।

3-संगठनात्मक संरचना को अंतिम रूप देते हुए आउटसोर्स कर्मियों का संविलियन करते हुए वेतन  बढ़ाया जाए एवं लंबित सभी अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरण का निराकरण करते हुए उनकी नियुक्तियां की जाएं।

4. कई वर्षों से सभी वर्गों मे कई वेतन विसंगतियां व्‍याप्‍त हैं जिनको सुधारने हेतु फोरम लगातार मांग कर रहा है, लेकिन उसमें आज दिनांक तक कार्यवाही अपेक्ष‍ित ही है। वेतन विसंगतियों को दूर करने हेतु उच्‍च अध‍िकार प्राप्‍त समित‍ि बनाई जाये जो समय सीमा में अपनी रिपोर्ट प्रस्‍तुत करे एवं उसके अनुसार उसमें तुरंत कार्यवाही की जावे। 

5-कई वर्षों से लंबित फ्रिंज बेनि‍फिट्स लागू करते हुये सभी अध‍िकारी/कर्मचारियों को मेडि‍क्‍लेम पॉलिसी लागू की जाये।  

6- म.प्र.शासन में पदोन्‍नतियां वर्ष 2016 से बन्‍द हैं। सभी विद्युत कंप‍नियों में सभी वर्गो में उच्‍च पदों से निम्‍न पदों तक वरिष्‍ठता का ध्‍यान रखते हुये सभी को चालू प्रभार देकर भर्ती स्‍तर पर रिक्‍त पदों पर नयी भर्ती समय सीमा में की जायें। साथ ही यह भी ध्‍यान रखा जाये कि चालू प्रभार केवल वरीयता एवं पदोन्‍नति नियमों के आधार पर दि‍ये जाये।    

7- सभी विद्युत कंपनियों में सभी कर्मियों हेतु नई पेशन स्‍कीम की जगह पुरानी पेंशन स्‍कीम लागू की जावें एवं र्टमिनल बेनिफ‍िट ट्रस्‍ट में पेंशन की राश‍ि जमा कराई जाये। इसके अतिरि‍क्‍त अन्‍य मांगों पर भी विचार किया जाना अति आवश्‍यक है। 

एक साल पहले ऊर्जा मंत्री से चर्चा बेनतीजा

फोरम ने कहा कि सभी बिन्‍दुओं पर ऊर्जा मंत्री एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा से चर्चा किये हुये एक साल से अध‍िक समय व्‍यतीत हो चुका है, लेकिन विगत एक वर्ष में ऊर्जा मंत्री से लगातार पत्राचार एवं व्‍यक्‍ति‍गत अनुरोध करने के उपरांत भी किसी भी प्रकार का निराकरण प्राप्‍त नहीं हो सका है। 

दिसंबर में होगा अनिश्चितकालीन आंदोलन

 फोरम ने कहा है कि मुख्‍यमंत्री से चर्चा के लिए तुरंत समय प्रदान करने का अनुरोध किया जायेगा, जिससे विद्युत कर्मचारियों की समस्‍याओं का सार्थक निराकरण हो सके। मांगें न मानी गईं तो माह दिसम्‍बर से सघन एवं निरंतर आन्‍दोलनात्‍मक गतिविधि‍यां शुरू करने बाध्‍य होना पड़ेगा ।
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