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किसानों की सहमति बगैर अधिग्रहीत नहीं होगी ज़मीन, राजस्व भूमि पर कब्जा कर खेती करने वालों को देंगे पट्टा

भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कहीं भी किसान की सहमति से ही उसकी जमीन अधिकृत होगी, बिना किसान की अनुमति के जमीन अधिकृत नहीं होगी। विकास कार्यों के लिए जमीन की जरूरत होती है लेकिन किसान की जमीन तभी ली जाएगी जब किसान सहमति देगा। रेवेन्यू की जमीन पर पुराने कब्जे हैं, वर्षों से खेती कर रहे हैं उन्हे पट्टे देने का काम करेंगे। कांग्रेस की कर्ज माफी के कारण डिफाल्टर किसानों के कर्जमाफी का ब्याज सरकार भरेगी। 
राजधानी में आंदोलन के लिए जमे किसानों के बीच पहुंचे मुख्यमंत्री चौहान ने उनकी मांगों पर चर्चा के बाद ऐलान किया कि किसान पम्प योजना का अनुदान अगले बजट में आ जाएगा। गन्ना किसानों का बकाया मिल मालिकों से बात कर वापस कराएंगे। जले हुए ट्रांसफार्मर को जल्द से जल्द बदलवाएंगे। नहरों की मरम्मत कर टेल एंड तक व्यवस्थित पानी पहुंचाएंगे। ओवरलोड ट्रांसफार्मर के साथ अतिरिक्त ट्रांसफार्मर रखने की व्यवस्था करेंगे। पीएम किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण निधि योजना में बचे हुए किसानों के नाम जोड़ेंगे। राजस्व के और बिजली बिल निराकरण के शिविर लगाए जायेंगे। जमीन क्रय करने के बाद शीघ्र नामांतरण की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। खरीदी केंद्र पर तुलाई जल्दी पूरी करने के लिए बड़े तौल कांटे लगाए जायेंगे।

किसान आएं तो मामा तो आएगा ही

उन्होंने कहा कि आज आपके बीच आया हूं क्योंकि किसान आएं और मामा उनके बीच न आए, ये हो ही नही सकता। किसान भाइयों और बहनों की समस्याओं को समझना हमारा कर्तव्य है। ऐसा थोड़ी है कि किसान यहां नारे लगाते रहे, मैं और कहीं निकल जाऊं। इसलिए मैंने तय किया कि पहले मैं किसान भाइयों और बहनों के बीच जाऊंगा। आपके बीच में आया हूं तो आप के प्रति प्रेम और श्रद्धा मन में रख कर आया हूं और इस भाव के साथ आया हूं कि जो भी जायज समस्या किसान भाइयों की होगी। उसको पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
सीएम चौहान ने कहा कि एक बात मैंने पहले ही कही है, एक सरकार बीच में 15 महीने के लिए, कई वादे करके आयी थी, जो पूरे नहीं हुए। इसलिए कई किसान डिफाल्टर हो गए। हमने फैसला किया है कि जो किसान डिफाल्टर हो गए थे कर्ज माफी की घोषणा के कारण उनके कर्जे का ब्याज हम माफ करेंगे, मतलब हम भरेंगे ताकि किसान को दिक्कत न हो।

आंदोलन पर सवाल भी उठे

भारतीय किसान संघ के बैनर तले मंगलवार को हुए किसानों के आंदोलन को लेकर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। किसान संघ के पदाधिकारियों पर आरोप है कि पहले इनके द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर सारी बातों पर सहमति बनाई गई। इसके बाद फिर आंदोलन के रूप में दिखाया गया। इसीलिए किसानों के आंदोलन के बीच सीएम शिवराज सीधे जा पहुंचे और घोषणाओं पर अमल का ऐलान कर दिया।

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