इसके पूर्व में देश सहित पूरे प्रदेश कोरोना वायरस का तांडव जारी था, उस समय मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार जमीन पर उतर कर छिंदवाड़ा में जहां कोविड-19 बहुत मरीज निकल रहे थे वहां छिंदवाड़ा जाकर कैंप किया और स्थानीय प्रशासन की हौसला अफजाई की। स्थानीय अधिकारियों को लगा एसीएस स्तर के वरिष्ठ अधिकारी हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं। इससे उनमें एक नई ऊर्जा का प्रवाह हुआ और वह दुगनी ताकत से कोविड-19 को कंट्रोल करने में जुट गए और छिंदवाड़ा में कोविड-19 पर कंट्रोल पाया। अभी कुछ समय पूर्व ग्वालियर चंबल में भीषण बाढ़ आई, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचकर तत्काल राहत के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया और बाढ़ पीड़ितों को तुरंत सहायता उपलब्ध कराई गई। उस बाढ़ के समय एसीएस होम राजेश राजौरा को बड़ी जिम्मेदारी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दी जिसे उन्होंने बेहतर ढंग से निर्वहन किया था। इसे लिखने का उद्देश्य यह नहीं है कि एसीएस होम राजेश राजौरा का यशोगान किया जाए पर इस बात पर बड़ी ईमानदारी से विचार करना पड़ेगा कि मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिनभर जनता की चिंता करते हैं और प्रयास करते हैं कि किसी भी तरह की तकलीफ उनके प्रदेशवासियों को नहीं हो पाए। दिन रात वह इसी में लगे रहते हैं। अक्सर वे देर रात दौरे से लौटकर अपने निवास पर पहुंचते हैं और अल सुबह 6 बजे अधिकारियों की बैठक बुलाते हैं जो विभिन्न विषय उनके संज्ञान में आते हैं। राजनीतिक पंडित और जनता को सीएम शिवराज सिंह चौहान का नया अवतार बहुत पसंद आ रहा है पर प्रशासन में बैठे हुए अधिकारियों को यह विचार करना चाहिए कि दिन भर की थकान और देर रात सीएम हाउस पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अल सुबह जनता की तकलीफ को लेकर उनकी क्लास ले रहे हैं। अगर इमानदारी से अधिकारी अपना दायित्व का निर्वहन करें तो सहज सरल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनकी क्लास लेने की जरूरत न पड़े। अगर एसीएस होम राजेश राजौरा मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार कार्य कर रहे हैं और लगातार मुख्यमंत्री उनको जवाबदारी देते हैं तो इसमें क्या गलत है। अभी उन्हें दो और विभागों का अतिरिक्त कार्य दिया गया। यह विषय भी चर्चा में था पर अगर आप ईमानदारी से अपना कार्य का 100% दे रहे हैं तो आप की वाह-वाही चारों तरफ होगी। एसीएस होम राजेश राजौरा के बारे में लोग कहते हैं कि वह तीज त्यौहार का भी ख्याल नहीं रखते। अपने काम को प्राथमिकता देते हैं। मध्य प्रदेश के जनप्रतिनिधि विधायक हो या मंत्री या वरिष्ठ पत्रकार एसीएस होम राजेश राजौरा की लगातार प्रशंसा करते हैं क्योंकि वह इसके हकदार हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक लंबा प्रशासनिक अनुभव हो चुका है और वह किसी कुशल जौहरी की तरह अब अधिकारी कर्मचारियों के उनके कार्य के हिसाब से पहचानते हैं और उसी तरह उनको कार्य का आवंटन करते हैं। एसीएस होम राजेश राजौरा से प्रेरणा लेकर जूनियर अधिकारियों को मुख्यमंत्री की मंशा को समझते हुए प्रदेश को स्वर्णिम मध्यप्रदेश और जनता तक सरकार की हर योजना को पहुंचाने में अपना योगदान देना चाहिए न की अखबारों और टीवी पर यह चले कि मुख्यमंत्री ने आज इस विभाग के अधिकारियों की सुबह-सुबह क्लास ली। जननायक विकास पुरुष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सपना आत्म निर्भर और स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने एवं जनता जनार्दन की सेवा का संकल्प लेकर अपने कामों में अधिकारियों को जुट जाना चाहिए और आने वाले पीढ़ी को देश में अव्वल प्रदेश प्राप्त हो, ऐसा प्रयास करना चाहिए।
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