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आदिवासी समाज की प्रतिस्पर्धा की जगह सहकारिता अनुकरणीय-मुर्मू, नहीं चलेगा धर्मांतरण का कुचक्र-CM

 भोपाल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि जनजातीय समाज में व्यक्ति के स्थान पर समूह को प्रतिस्पर्धा की जगह सहकारिता को और विशिष्टता की जगह समानता को अधिक महत्व दिया जाता है। जनजातीय समाज की ये विशेषताएं सभी देशवासियों के लिए अनुकरणीय हैं। मध्यप्रदेश में पंचायत संबंधी नियमों की अनुसूची क्षेत्र में विस्तार से जुड़ी नियम पुस्तिका का विमोचन प्रशंसनीय है। मुझे विश्वास है कि जनजातीय क्षेत्र के सशक्तिकरण के लिए इन नियमों का प्रभावी उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के चंबल, मालवा, बुंदेलखंड, बघेलखंड और महाकौशल क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध बनाने में जनजातीय समुदाय का महत्वपूर्ण योगदान है। झारखंड के भगवान बिरसा मुंडा व सिद्धू कान्हू,मध्यप्रदेश के टंट्या भील तथा भीमा नायक,आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू,मणिपुर की रानी गाइदिन्ल्यू और ओडिशा के शहीद लखमा नायक जैसे अनेकों वीरों-वीरांगनाओं ने जनजातीय गौरव और देश के गौरव को बढ़ाया है। 

शहडोल जिले के लालपुर में पेसा एक्ट की नियमावली का विमोचन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं सभी देशवासियों को बधाई देती हूं। राष्ट्रपति के रूप में ये मेरी मध्यप्रदेश की पहली यात्रा है। इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित भाई-बहनों के बीच आकर बहुत खुश हूं। हमारे देश में जनजातीय आबादी की संख्या दस करोड़ है। डेढ़ करोड़ से ज्यादा आबादी मध्यप्रदेश में है। जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों को आज सम्मानित किया गया है, उन्हें देखकर उम्मीद करती हूं कि आने वाला समय और अधिक उज्ज्वल होगा। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा- पेसा एक्ट लागू हो जाने से ग्राम सभा अब बहुत अधिक शक्तिशाली हो गई है।

मध्यप्रदेश की धरती पर नहीं चलने देंगे धर्मांतरण का कुचक्र-शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कई लोग लालच में छल-कपट से आदिवासी बहन- बिटिया से शादी कर लेते हैं, उसके नाम से जमीन खरीद लेते हैं, लेकिन अब ये नहीं होगा। मध्यप्रदेश की धरती पर धर्मांतरण का कुचक्र नहीं होने देंगे। छल-कपट कर बेटी से शादी कर जमीन हड़पने का काम मध्यप्रदेश की धरती पर हम नहीं होंगे देंगे। यदि यह पता चलता है कि किसी ने छल से जमीन नाम करवा ली है, तो पेसा एक्ट के जरिये ग्रामसभा उस जमीन को वापस करवाएगी। शहडोल में जनजातीय गौरव दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में पेसा एक्ट की नियमावली को लागू किए जाने के बाद उन्होंने कहा कि पेसा एक्ट किसी के खिलाफ नहीं है। सामाजिक समरसता के साथ ये कानून हम लागू कर रहे हैं। चौहान ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश के 89 विकासखंडों के ग्रामीण इलाकों में लागू हो रहे पेसा एक्ट से आदिवासियों के जीवन स्तर में बदलाव आएगा। पेसा के नियम सामाजिक समरसता और सद्भाव के संवाहक बनेंगे। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि ग्राम पंचायत या ग्राम सभा ऐसी किसी गतिविधि का समर्थन नहीं करेगी जिससे सामाजिक सद्भाव व समरसता को ठेस पहुंचे। इस एक्ट में आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन के उपयोग और सुरक्षा को लेकर अधिकार दिए गए हैं। आदिवासी अपने क्षेत्र में श्रमिकों के हित में फैसले करने के साथ परम्परा और सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के फैसले ले सकेंगे।

भोपाल में भारतमाला परियोजना के काम का शिलान्यास

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शहडोल के बाद भोपाल आएंगी और भारतमाला परियोजना में एनएच-46 (पुराना एनएच-69) औबेदुल्लागंज से बैतूल इंटर कोरिडोर मार्ग जो भोपाल से नागपुर को कनेक्टिविटी देता है, उसका वर्चुअल शिलान्यास करेंगी। इस मार्ग का 12.38 किमी का क्षेत्र रातापानी वन्य-जीव अभयारण्य में आता है एवं रातापानी एरिया भोपाल-नागपुर कॉरिडोर का अधूरा भाग है। वन्य-जीव अभयारण्य क्षेत्र में पशु अंडरपास के प्रावधानों से वन्य-प्रणियों को आवागमन में आसान होगी। इसके निर्माण पर 417.51 करोड़ की लागत आएगी। इससे भोपाल, होशंगाबाद, बैतूल और नागपुर की बेहतर कनेक्टिविटी हो सकेगी। इसके साथ ही राष्ट्रपति रक्षा मंत्रालय की ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में मेक्सिमम माइक्रोवाइल कंटेनमेंट लेबोरेट्ररी (बीएसएल 4) का वर्चुअली शिलान्यास करेंगी।

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