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तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक समेत एक हजार अफसरों के प्रमोशन में रोड़ा बनी वोटर लिस्ट

 भोपाल

राजस्व विभाग के तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और राजस्व निरीक्षकों को दी जाने वाली कार्यवाहक पद की पदोन्नति अफसरशाही की धीमी वर्किंग के चलते अटकती जा रही है। अगस्त से पदोन्नति की उम्मीद लगाए इन अफसरों को अब दिसम्बर के दूसरे सप्ताह के बाद ही नई पदस्थापना मिल सकेगी। इस बीच अगर शासन ने आदेश भी जारी कर दिए तो उन्हें नई पदस्थापना स्थल पर ज्वाइन करने का मौका नहीं मिल सकेगा। 

सामान्य प्रशासन और राजस्व विभाग द्वारा साढ़े छह साल से पदोन्नति की बाट जोह रहे तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यवाहक पदोन्नति देने के लिए जुलाई में निर्णय लिया गया था और तब ये माना जा रहा था कि अगस्त में इन्हें कार्यवाहक पदोन्नति के तमगे के साथ नई पदस्थापना स्थल पर जाने का मौका मिल सकेगा। इसके बाद अफसरों की लेटलतीफी के चलते यह काम अटकता गया और अब तक इसका आदेश जारी नहीं हो सका है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अब नया पेंच भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए मतदाता सूची पुनरीक्षण के चलते फंस गया है। चूंकि मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए तहसीलदार सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और एसडीएम रजिस्ट्रीकरण अधिकारी होते हैं। इसलिए पुनरीक्षण के लिए तय समय अवधि 8 दिसम्बर तक न तो तहसीलदार अपनी वर्तमान पदस्थापना से कार्यमुक्त हो सकेंगे और न ही प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के रूप में ज्वाइन कर सकेंगे क्योंकि दोनों ही अधिकारी की जिम्मेदारी इस काम को पूरा कराने की है। ऐसे में अब प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थापना की उम्मीद लगाए 220 से अधिक तहसीलदारों को अगले माह तक इंतजार करना पड़ेगा। अफसरों का कहना है कि इस बीच अगर जीएडी कार्यवाहक पदोन्नति के आदेश जारी भी करता है तो साथ में यह शर्त रखने होगी कि मतदाता सूची पुनरीक्षण की कार्यवाही पूरी होने के बाद ही अधिकारी रिलीव किए जा सकेंगे। 

नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक भी अटके

प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के पद पर 9 नवम्बर के पहले पदस्थापना के आदेश जारी नहीं होने के कारण तहसीलदारों के साथ नायब तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों, पटवारियों को भी मिलने वाली कार्यवाहक पदोन्नति अटक गई है। हालांकि मंत्रालय में इसको लेकर विभागीय प्रक्रिया पूरी करने का काम किया जा रहा है ताकि जीएडी के आदेश होने के बाद इनकी कार्यवाहक पदोन्नति के साथ पदस्थापना की जा सके। अफसरों के मुताबिक जितने पदों पर तहसीलदार कार्यवाहक पदोन्नति पाएंगे, उतने ही पदों पर नायब तहसीलदारों को तहसीलदार, राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार और पटवारियों को राजस्व निरीक्षक पद पर प्रमोट करने की कार्यवाही की जाएगी। राज्य सरकार की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई एसएलपी के चलते प्रमोशन में रिजर्वेशन का काम 2016 से रुका है।

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