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कमल बाबू 2018 में भी सौंपी थी जनता ने चक्की पर 15 महीने धूल खाती रही : राकेश शर्मा

 मध्यप्रदेश में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ आजकल अधिकारी, कर्मचारियों को लगातार धमकाते रहते हैं कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अधिकारी कर्मचारियों को देख लिया जाएगा। वे हर सभा में एक डायलॉग मारने लगे हैं कि कमलनाथ की चक्की धीरे पीसती है। साथ ही सोमवार के बाद मंगलवार आता है। हम अधिकारी कर्मचारियों की सूची बना रहे हैं और एक-एक को देख लिया जाएगा। मध्यप्रदेश में कई मंगलवार आकर चले गए पर डायलॉग- डायलॉग रह गया। 2018 में बड़े-बड़े वादे जो वचन के रूप में जनता को दिए गए थे, कांग्रेस ने पूरे नहीं किए जिसमें से प्रमुख रूप से 10 दिन में किसान का 2 लाख का कर्ज माफ, बेरोजगार को ₹ 4 हजार बेरोजगारी भत्ता, हर खेत के पास प्रोसेसिंग यूनिट, मेधावी छात्रों को लैपटॉप, स्कूटी के साथ ही पूरे प्रदेश में फैक्ट्रियों का जाल बिछ जाएगा। यह सब वचन खजाना खाली है, के डायलॉग की भेंट चढ़ गए। अब कितने ही मुंगेरीलाल के सपने कमल बाबू देखें और अपने कार्यकर्ताओं को दिखाएं, यह सपने ही रहेंगे क्योंकि काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है। कांग्रेस की सरकार में मध्यप्रदेश में ट्रांसफर एक उद्योग की तरह हो गया था जिसमें सुबह कहीं शाम को कहीं ट्रांसफर होता था और रात होते-होते उसी स्थान पर वापस कर्मचारी को पहुंचा दिया जाता था। एक मंत्री ट्रांसफर करवाता था, दूसरा मंत्री ट्रांसफर रुकवाता था। यह सब कमलनाथ की आंखों के नीचे चल रहा था जिस चक्की का जिक्र कमलनाथ बार-बार करते हैं। वह जनता ने 2018 में कमलनाथ को सौंपी थी पर चक्की के हैंडल पर कमलनाथ ने कभी हाथ नहीं रखा। उसके उलट वह चक्की धूल खाती रही। कांग्रेस के नेता बार-बार कहते हैं कि हमारे विधायक बिक गए और कांग्रेस को धोखा दिया पर इस बात का जवाब कमलनाथ और उनकी सेना कभी नहीं देती कि 28 स्थानों पर जब चुनाव हुए थे और जिसमें सरकार के भाग्य का फैसला होने वाला था, अगर 15 माह की कमलनाथ सरकार ने इतने अच्छे काम किए होते तो 28 स्थान पर कांग्रेस के विधायक पुनः चुनकर आते और कमलनाथ फिर मुख्यमंत्री बन जाते पर जनता 15 माह की सरकार को भलीभांति जान चुकी थी और जनता ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जन नायक विकास पुरुष भगवान के वरदान शिवराज सिंह चौहान पर विश्वास जताया और पूर्ण बहुमत की शिवराज सरकार को चुना। कमलनाथ मुख्यमंत्री थे तो प्रदेश में अराजकता का माहौल था। कांग्रेस सरकार के मंत्री प्रदेश के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाते थे। आज प्रदेश अध्यक्ष हैं तो पार्टी में कांग्रेस के विधायक पूर्व मंत्री उमंग सिंगार पर पूर्व में 306 का मामला दर्ज है और अब बलात्कार का पर कमलनाथ उन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे। एक विधायक को जमीन के घोटाले में कोर्ट ने 2 वर्ष की सजा दी पर कमलनाथ कोई कदम नहीं उठा रहे। एक विधायक जिन पर पूर्व में ट्रेन में महिला से अभद्रता का मामला दर्ज है वह तमंचे पर डिस्को कर रहे हैं पर कमलनाथ की नजर उन पर नहीं पड़ रही। जनता यह सब देख रही है। इसीलिए जनता ने कमलनाथ को चलो चलो कर दिया। मध्यप्रदेश में जो अधिकारी कर्मचारी अच्छा काम कर रहे हैं उनको मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  पुरस्कृत कर रहे हैं। साथ ही जो अधिकारी कर्मचारी  जनता की सेवा  नहीं कर रहे हैं उन्हें दंडित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश की शिवराजसरकार की पहली प्राथमिकता है अपनी जनता रूपी भगवान तक सरकार की हर सुविधा को पहुंचाना है। आज मध्य प्रदेश तरक्की के नए सोपान प्राप्त कर रहा है तो उसमें शिवराज सिंह चौहान की दूरदृष्टि भरी योजना के साथ अधिकारी कर्मचारियों का भी भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है। कितने ही गाल बजा लें कमलनाथ अब जनता ने कांग्रेस और कमलनाथ को नकार दिया है। छिंदवाड़ा मॉडल जिसका ढिंढोरा पूरे प्रदेश में कांग्रेस के नेता पीटते हैं वहां हुए नगर पालिका, नगर परिषद चुनाव में जनता ने कमलनाथ और कांग्रेस को नकार दिया। यह सिद्ध करता है कि मध्य प्रदेश की जनता विकास चाहती है और विकास पुरुष शिवराज सिंह चौहान को हाथों हाथले रही है
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