भोपाल
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस के पंचायत प्रतिनिधियों से कहा है कि 7- 8 महीने बाद भाजपा के पास कुछ नहीं बचेगा। इन महीनों में आपको भी आक्रमक होना पड़ेगा। आप भी सरकारी अधिकरियों, कर्मचारियों से कहना कि हम भी हिसाब लेंगे, हमारी भी चक्की चलेगी और बहुत बारीक पीसेगी। इधर कार्यक्रम में भाषण के दौरान पर्ची भेजने पर कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया नाराज हो गए।
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि राजीव गांधी ने पंचायती राज के अधिकार दिए। दिग्विजय सिंह की सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार दिए। आप लोगों को ये याद रखना है कि आपको जिनके वोट नहीं मिले, उनसे भी मिलिए, उन्हें बीजेपी की तरफ मत धकेलिए। एक वक्त था, जब बीजेपी के पास बूथ का कार्यकर्ता नहीं था। आप सबको समेटिए, साथ लेकर चलिए। जिन 60-70 प्रतिशत लोगों के वोट आपको नहीं मिल पाए, उन्हें अपने साथ जोड़िए।

कांग्रेस की सरकार बनने पर महात्मा गांधी के सपने करेंगे साकार
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आएगी, तो महात्मा गांधी के सपने और राजीव गांधी के बनाए कानून का क्रियान्वयन करेंगे। 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी, तो कई चुनौतियां थीं। 15 महीने में हमने नीति और नीयत का परिचय दिया।
मोदी-शिवराज जिस स्कूल में पढ़े, वो कांग्रेस ने बनवाए
पीसीसी चीफ ने कहा, हम रोजगार की बात करते हैं, तो बीजेपी राष्ट्रवाद ले आती है। ये हमें राष्ट्रवाद सिखाएंगे। मैं पूछता हूं, एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का नाम बताएं, जो उनके साथ जुड़ा हो, वे कांग्रेस को राष्ट्रवाद पढ़ाएंगे। बीजेपी के लोग 70 सालों की बात करते हैं। पूछते हैं कि 70 साल में कांग्रेस ने क्या किया। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि जिस स्कूल में मोदी, शिवराज पढ़े हैं, वो स्कूल भी कांग्रेस ने बनवाए हैं। आप लोग गांवों में जाइए, आपको सिर झुकाने की जरूरत नहीं है। छाती ठोक कर कहिएगा कि 15 महीने में हमने यह किया और बीजेपी की पोल खोलिएगा। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा- जनप्रतिनिधियों ने बीजेपी के पैसे, पुलिस और प्रशासन से लड़कर विषम परिस्थितियों में चुनाव जीता है। इनकी बात सुनने के लिए सम्मेलन बुलाया है।
उन्होंने कहा कि मैंने ट्वीट किया है कि करणी सेना ने जो मांगें रखी हैं, उनकी बात सुनी जाए। उनको दबाने से थोड़े ही काम चलेगा। उनकी बात सुननी चाहिए। कांग्रेस की हमेशा ये नीयत रही है कि सबकी बात सुनो और जो जायज हो, उसे लागू करो।
इन्वेस्टर्स मीट पर बोले...
कमलनाथ ने कहा, 18 साल में क्या निवेश आया, इसके आंकड़े सबके सामने हैं। ये भारत सरकार ने दिए हैं। विधानसभा में जवाब मिला है। 6500 प्रस्ताव पहले इन्वेस्टर्स समिट में आए थे। कितनी सही और कितने फर्जी निकले। इन्वेस्टर्स आएं, निवेश आए, इसका मैं स्वागत करता हूं। सम्मेलन करने से विश्वास नहीं बनता। इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर इवेंट होता है। निवेश तब आएगा, जब इन्वेस्टर्स को मप्र पर विश्वास होगा। मप्र पांच प्रदेशों से घिरा हुआ है। दक्षिण में जिसको सामान बेचना है, वो उत्तर में अपने कारखाने क्यों लगाता है। मप्र की पहचान में केवल भ्रष्टाचार है। ऐसी नीति है, जिसका क्रियान्वयन नहीं होता। 50 - 100 पेज की नीति बना लो लेकिन अगर आपकी मन, मंशा और नीयत न हो, तो कोई निवेश नहीं आने वाला।
इसलिए सम्मेलन में नाराज हुए आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया
सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया अपनी स्पीच दे रहे थे। उनके बाद कमलनाथ का भाषण होना था। भूरिया के लंबे भाषण को देख उनके पास पर्ची भेजी गई। इससे वे नाराज हो गए। भूरिया ने कहा- पर्ची आ गई है। किसी को पर्ची नहीं भेजी, मुझे भेज दी। ये हालात हैं, क्या करो, बोलना ही बंद कर दें। आम गरीबों की बात को हमको पहुंचाना तो पड़ेगा। मंच संचालक से भूरिया ने कहा कि पर्ची मत भेजा करो।
