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सीधी हादसा: 52 सीटर बस में 100 सवारी, क्या रीवा, सीधी, सतना RTO पर एक्शन लेगी सरकार, 15 हुए मृत

भोपाल
रीवा सीधी को जोड़ने वाली मोहनिया टनल के पास बरखेड़ा में हुए बस हादसे ने बड़ी प्रशासनिक चूक को भी सामने ला दिया है। जो बसें हादसा का शिकार बनीं वे 52 सीटर थीं और बसों में 80 से 100 यात्री तक सवार थे। इन बसों में सवारी ढोने में परमिट नियमों का पालन नहीं किया गया और अब इसीलिए सीधी, रीवा और सतना के आरटीओ और एआरटीओ पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है। मुख्यमंत्री शिवराज से इनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जा रही है। शुक्रवार रात हुई इस घटना में मृतकों की संख्या 15 पहुंच गई है। उधर 2 गंभीर घायलों को सतना एयर स्ट्रिप से एयर एम्बुलेंस से लिफ्ट किया गया है।
कल रात हुई घटना में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले घटनास्थल और फिर रीवा के संजय गांधी के अस्पताल पहुंचे, घायलों से मिले और उनके उपचार का पूरा आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने हादसे के मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये राहत राशि और परिजनों को पात्रता के अनुसार सरकारी नौकरी में अवसर प्रदान देने का वादा किया। घायलों को उपचार के अलावा 2 लाख रुपये की राहत राशि दी जाएगी। साधारण घायलों के परिजनों को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जो नहीं बच पाए उनके संरक्षक हम हैं। उनके परिवार की पूरी सहायता होगी। विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत उन्हें लाभान्वित करने का प्रयास किया जाएगा। परिवार के दुख को कम करने का प्रयास होगा संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ है।
60 घायल, 5 मृतकों की पहचान नहीं
सीधी बस हादसे में 15 की मौत होने और 60 के घायल होने की बात स्पष्ट हो गई है। 5 लाशों की पहचान नहीं हो पाई है। जिनकी जानकारी आई है वे सभी मृतक व घायल सीधी जिले के रहने वाले हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास प्रभारी की भी मौत घटना में हुई है और 10 शिक्षक घायल एक पुलिसकर्मी की गंभीर हालत हुए हैं। लोगों को बचाने एसपी रीवा नवनीत भसीन सहित एक आरक्षक ने ब्लड डोनेट किया।

पहचान न हो पाना गंभीर खामी

इधर सोशल मीडिया के अनुसार रीवा लाये गए घायलों में जिनकी मौत हुई है उनकी अभी तक पहचान न होना गम्भीर प्रशासनिक खामी है। नियमानुसार इन सभी घायलों को पहचान पत्र देकर बसों के जरिये लाना और ले जाना था लेकिन कोल महाकुंभ में लाये गए कोल समाज के लोगों के साथ ऐसा नही किया गया। ये सम्बंधित जिलो के नोडल नोडल और अनुरक्षको कि जिम्मेदारी थी। इस चूक के कारण अभी तक मृतकों की पहचान नही हो पाई। दूसरी ओर सीधी बस हादसे के दो गंभीर घायलों को बेहतर उपचार देने सतना से 2 एयर एम्बुलेंस की मदद ली गई। 
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