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माइनिंग अफ़सर के घर लोकायुक्त का छापा, स्टोन क्रशर, डम्पर और प्लाट्स मिले, पटवारी भी पकड़ाया

 भोपाल 

देवास में पदस्थ जिला खनिज अधिकारी मोहन सिंह खतेड़िया के यहाँ इंदौर लोकायुक्त पुलिस टीम ने छापा मारा है। उसके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में कार्यवाही की जा रही है। अब तक 3 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ है। उधर रीवा में लोकायुक्त पुलिस की टीम ने सीमांकन के बदले 25 हजार की घूस मांगने वाले सतना जिले के पटवारी को दबोचा है।

इंदौर लोकायुक्त पुलिस टीम की खनिज अधिकारी के विरुद्ध की गई जांच में पता चला है कि अधिकारी अपने बेटे के नाम से गिट्टी कंक्रीट का प्लांट चला रहा था। यह खुलासा मंगलवार सुबह इंदौर स्थित उनके तुलसी नगर निवास पर लोकायुक्त छापे में हुआ। उनके पास तीन से चार डम्पर होने की भी जानकारी लोकायुक्त पुलिस को मिली है। अधिकारी खतेड़िया के तुलसी नगर के घर के साथ ही चार जगहों पर कार्रवाई जारी है। टीम तड़के चार बजे उनके बंगले पर पहुंच गई थी। इनके पास कई लक्जरी गाड़ियों के साथ संपत्ति आंकी गई है। अधिकारी ने अपने भाई के नाम से भी संपत्ति खरीदी है। इंदौर के पास पीथमपुर में भी उनकी कोई कंपनी बताई जा रही है, यहां पर उनका एक प्लाट भी है। क्रेशर प्लांट देवगुराड़िया में होने की पुष्टि हो चुकी है। वहीं उज्जैन में उन्होंने अपने भाई के नाम से प्रॉपर्टी खरीद रखी है, जिसमें किरायेदार रहते हैं। 

हाल ही में देवास हुए पदस्थ 

खतेड़िया तीन महीने पहले तक धार जिले में पदस्थ थे। इस दौरान ही लोकायुक्त पुलिस मुख्यालय भोपाल में उनके खिलाफ शिकायत हुई थी। इस शिकायत की जांच इंदौर लोकायुक्त पुलिस के एसपी एसएस सराफ के निर्देशन में की गई। इसके बाद उनके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का प्रकरण दर्ज किया गया। जब जांच चल रही थी, इसी बीच खतेड़िया का तबादला धार से देवास कर दिया गया। वे 1991 में द्वितीय श्रेणी अधिकारी के रुप में खनिज विभाग में पदस्थ हुए थे। उनकी नौकरी का अधिकांश समय इंदौर, देवास, धार और उज्जैन जिले में निकला। 

उधर लोकायुक्त रीवा पुलिस ने किसान कमलेन्द्र कुमार पाण्डेय निवासी ग्राम चकदेही पोस्ट सराय जिला सतना की शिकायत पर पटवारी अनिल वर्मा हल्का चकदेही को 5000 रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई तहसील कार्यालय रामपुर बाघेलान में की गई। पटवारी द्वारा आवेदक की जमीन का सीमांकन करने के एवज में कुल 25000 रुपये की मांग की गई थी जिसमें से आरोपी पूर्व में ही 12000 रुपये ले चुका था। 5000 रुपये की अगली किस्त लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप किया गया है।


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