भोपाल
ओलावृष्टि के चलते एक बार फिर राजस्व अधिकारी संघ सरकार के दबाव में अपने आंदोलन से पीछे हट गया है। कल हुई चर्चा के बाद तहसीलदार तुरंत अवकाश से वापसी का फैसला नहीं कर पाए थे। इसके बाद संघ की 21 मार्च को हुई कार्यकारिणी बैठक में 67 सदस्यों व जिला अध्यक्षों द्वारा एकमत से निर्णय लिया गया कि सामूहिक अवकाश का आंदोलन खत्म किया जाए।
संघ के प्रांताध्यक्ष, महासचिव और वरिष्ठ उपाध्यक्ष की ओर से जारी संयुक्त विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश एवम सहानुभूतिपूर्वक विचार करने सम्बन्धी राजस्व मंत्री के निर्णय के बाद यह फैसला किया गया है। रेवेन्यू पीएस एवं पीआरसी के द्वारा संघ की समस्त मांगों को 1 माह में पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया है। संघ की ओर से कहा गया है कि वर्तमान परिस्थिति में ओला वृष्टि एवं प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश के किसानों की विपत्ति बढ़ी है। शासन के महत्वपूर्ण अंग होने के कारण मानवीय संवेदना और अपने दायित्व को ध्यान रखते हुए आज से हम अपने अवकाश को समाप्त करने की घोषणा करते हैं। शासन द्वारा दिए गए आश्वासन पर निरंतर प्रयास कर सभी मांगों का फॉलोअप करेंगे।
बताया गया है पहली बार ऐसा हुआ है कि मंत्री, पीएस, पीआरसी द्वारा अवकाश घोषित करने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर मांगों को संपूर्ण रूप से स्वीकार किया गया है। सभी वरिष्ठों द्वारा आश्वस्त किया गया कि एक माह में सारी मांगों को पूर्ण किया जाएगा।
जो मांगें रखी गईं वह इस प्रकार हैं:-
1. नायब तहसीलदार को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिया जाना है।
2. 2016 +2017 के नायब तहसीलदार या जिनकी 5 वर्ष की सेवा पूर्ण हो गई, उनको भी पदोन्नति/कार्यवाहक पदस्थापना के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
3. ग्रेड पे के बढ़ाने क्रमशः 4200रुपये, 5400 रुपये के प्रस्ताव को वित्त विभाग की सहमति के साथ तैयार कर दिया जाएगा।
4.तहसीलदार की लिस्ट तैयार है, जो शीघ्र जारी होगी।
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