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जांच कमेटी में MLA को शामिल करने की मांग पर हंगामा, विधानसभा में हुई तू-तू, मैं-मैं, सदन स्थगित

 भोपाल

विधानसभा में राशन दुकानों से अनाज वितरण नहीं होने को लेकर जांच समिति में विधायकों को शामिल किए जाने की मांग को लेकर गुरुवार को सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हुई। विधायकों और मंत्रियों के बीच कई बार तू-तू, मैं-मैं की स्थिति बनी और हंगामा होने लगा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच बहस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर दिए जाने वाले वक्तव्य के कारण भारी हंगामे की स्थिति बनी और इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। 

सदन की कार्यवाही शुरू होने पर प्रश्नकाल के दौरान विधायक लाखन सिंह यादव ने अपने क्षेत्र में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में बंटने वाले अन्न में करप्शन का मामला उठाया और इसके लिए जांच कराने के साथ जांच समिति में खुद को शामिल करने की मांग रखी। इस पर मंत्री गोपाल भार्गव ने आपत्ति करते हुए कहा कि आजकल एक बात देखने में आ रही है कि विधायकों की एक प्रवृत्ति हो गई है वे एक ही बात पर अड़े रहते हैं कि उन्हें भी जांच समिति में शामिल किया जाए। इस पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि आखिर इसमें क्या प्राब्लम है? अगर सरकार सब कुछ सही करती है और कोई गड़बड़ नहीं होने देना चाहती तो कौन सा डर है? विधायकों को जांच समिति में शामिल किया जाए। सरकार को तो एक नहीं बल्कि दो विधायकों को शामिल किया जाना चाहिए।

सारंग और भनोत के बीच हुई बहस

कमलनाथ ने संबोधन के दौरान कहा कि सात महीने बाद हम भी आपको जांच समिति में रखेंगे। नाथ के इस वक्तव्य पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कमलनाथ रोज आते हैं और यही बात बोल कर चले जाते हैं कि सात महीने बाद ये करेंगे। ये दिवा स्वप्न है। कमलनाथ ने फिर अध्यक्ष गिरीश गौतम को संबोधित कर कहा कि ये एक साधारण मांग है आपको संरक्षण करना चाहिए। इस पर सारंग ने फिर जवाब दिया तो कांग्रेस विधायक तरुण भनोत ने सारंग से कहा कि तुम सिखाओगे कि क्या बोलना है? इस पर सारंग और भनोत के बीच तीखी बहस होने लगी जो तू-तू मैं-मैं तक जा पहुंची। इस बीच कमलनाथ, जयवर्द्धन, विजय लक्ष्मी साधो, सज्जन वर्मा समेत अन्य कांग्रेस विधायकों ने भी बोलना शुरू कर दिया और अध्यक्ष से संरक्षण की मांग करने लगे। इसके चलते सदन में शोर शराबे और हंगामे की स्थिति बन गई। 

नरोत्तम ने पूछा, विधायक क्यों रहना चाहते हैं समिति में

इस बीच अध्यक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को जवाब के लिए कहा तो मिश्रा ने कहा कि आखिर समिति में विधायक क्यों रहना चाहते हैं? यह स्पष्ट किया जाना चाहिए। जांच समिति में शामिल होने की बात करना ये एक सस्ती बात है। ये परंपरा ठीक नहीं है। कोई तात्कालिक मामला हो तो समझ में भी आता है, अब हर समिति में शामिल होने की बात कहने की परंपरा ठीक नहीं है। इस पर विधायक सज्जन वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री देश में एक सी व्यवस्था करना चाहते हैं लेकिन राज्य सरकार ऐसा नहीं चाहती है।  इस जवाब के बाद फिर हंगामा होने लगा और दोनों दलों के नेताओं की बहस राहुल गांधी और पीएम मोदी तक जा पहुंची। इस पर अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। दस मिनट बाद कार्यवाही शुरू हुई तो विधायक कुणाल चौधरी ने ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त जांच के बाद भी खाद्य विभाग में प्रमोशन दिए जाने का मामला उठाया। इस पर मंत्री बिसाहूलाल ने कहा कि प्रमोशन नहीं दिया गया है तो कुणाल ने कहा कि अधिकारी आपको निपटा देंगे। 

किस ज्योतिषी ने बताई सात माह की बात

विधानसभा में पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा सात माह बाद कांग्रेस की सरकार आने के दावे पर मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि वे कमलनाथ से जानना चाहते हैं कि आखिर कौन सा ज्योतिषी है जिसने सात माह बाद कांग्रेस की सरकार बनने की बात कही है। इस पर कमलनाथ ने कहा कि जनता ही हमारी ज्योतिषी है। 

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