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बिजली संकट : ट्रांसफार्मर्स की कैपिसिटी बढ़ाएंगे, जले व खराब मीटर बदलेंगे बिजली अफसर

 भोपाल

चुनावी साल में प्रदेश में बिजली सप्लाई किसी भी स्थिति में बाधित नहीं होने के साइड इफेक्ट की चिंता सरकार को सताने लगी है। इसी के चलते मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ऊर्जा विभाग ने बिजली की निर्बाध सप्लाई के लिए बिजली कम्पनियों के अफसरों की मुश्कें कसने का काम शुरू कर दिया है। प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने इसको लेकर अफसरों को साफ कहा है कि किसी भी स्थिति में मानसून के दौरान और उसके पहले बिजली सप्लाई बाधित नहीं होनी चाहिए।

विभाग ने इसी के चलते अफसरों से कहा है कि जिन स्थानों पर एक से अधिक बार ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं, उन स्थानों को चिन्हित किया जाए और वहांं ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई जाए, जिससे निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा सके। इसी को ध्यान में रखते हुए बिजली लाइनमेन को सुरक्षा के सभी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। लाइनमेन सुरक्षा उपकरणों के साथ ही बिजली सुधार का कार्य करेंगे। विभाग ने लाइनमेन के साथ घटित होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए भी कहा है। इसमें कहा गया है कि घातक तथा अघातक विद्युत दुर्घटनाओं की जांच की जाएगी एवं लापरवाही पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। खराब तथा जले मीटर अभियान चला कर बदले जाने के लिए कहा गया है। साथ ही ताकीद किया गया है कि शहरी क्षेत्रों में एक भी खराब तथा जला मीटर नहीं होना चाहिए। निम्न दाब के उद्योग और 10 किलोवाट से ऊपर वाले उपभोक्ताओं के एएमआर मीटर को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने कहा है कि बड़े कस्बों में जले तथा खराब मीटर वाले परिसरों को चिन्हित कर नए मीटर लगाए जाएं। मानसून का सीजन आने वाला है उससे पहले उप केन्द्रों, 33 के.व्ही., 11 केव्ही एवं एलटी लाइनों एवं ट्रांसफार्मर्स इत्यादि का प्रभावी ढंग से रख-रखाव किया जाए, जिससे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत अवरोध न्यूनतम हो। अफसरों से कहा गया है कि विद्युत अवरोध को रोकने के लिए रख-रखाव ही मुख्य कुंजी है। इसलिए बिजली खंभे से उपभोक्ता के परिसर में स्थापित होने वाले मीटर की दूरी तक सर्विस केबल लगाने की सुविधा सशुल्क मुहैया कराई जाएगी।

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