भोपाल
प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों में अब कोई भी कारोबार और व्यवसाय करना हो तो उसके लिए नगरीय निकाय से लाइसेंस या अनुज्ञप्ति (परमिशन) लेना होगी। नगरीय विकास और आवास विभाग ने इसके लिए मध्यप्रदेश नगरपालिका व्यापार अनुज्ञापन नियम 2023 बनाकर इसे लागू कर दिया गया था जिसे जिलों से मिले संगठनों और चुनावी साल में राजनीतिक विरोध को देखते हुए आगामी आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसके स्थगित करने की जानकारी दी है।
इस नए नियम में प्रावधान किया गया था कि नगरीय निकाय से जारी कराए जाने वाले लाइसेंस या अनुज्ञप्ति किसी अन्य को खुद ट्रांसफर नहीं किए जा सकेंगे। अगर किसी व्यक्ति को व्यापार ट्रांसफर करना है तो नामांतरण शुल्क के जरिये इसमें बदलाव किया जा सकेगा। नगरीय विकास ने नियमों में कहा है कि किसी भी दशा में वार्षिक लाइसेंस फीस नगर निगम क्षेत्र में 50 हजार, नगरपालिका क्षेत्र में 25 हजार और नगर परिषद क्षेत्र में 15 हजार से अधिक नहीं होगी। साथ ही जो लाइसेंस या अनुमति जारी की जाएगी वह केवल परिसर और लाइसेंस में दर्ज स्थान के लिए ही मान्य होगी। इसे परिसर में ऐसे स्थान पर प्रदर्शित किया जाएगा जो आसानी से देखी जा सके।
ऐसे तय थी लाइसेंस फीस, जिसका सर्वाधिक विरोध
नियमों में जो लाइसेंस फीस चुकाने के लिए जो व्यवस्था तय हुई है, उसके अनुसार 7.5 मीटर से कम या इतनी चौड़ाई तक की सड़क के पास खुले स्थान या भवन में व्यापार करने के लिए नगर निगम क्षेत्र में 4 रुपए प्रति वर्गफीट प्रति वर्ष, नगरपालिका में 3 रुपए प्रतिवर्गफीट प्रतिवर्ष और नगर परिषद में 2 रुपए प्रति वर्गफीट प्रतिवर्ष चुकाने होंगे। 15 मीटर चौड़ाई वाली सड़क के मामले में नगर निगम के लिए 5 रुपए, नगरपालिका के लिए 4 रुपए और नगर परिषद के लिए 3 रुपए प्रति वर्गफीट प्रतिवर्ष फीस लगेगी। इसके बाद 15 मीटर से अधिक वाले क्षेत्र के लिए नगर निगम में 6 रुपए, नगरपालिका में 5 रुपए और नगर परिषद में 4 रुपए प्रतिवर्गफीट प्रति वर्ष फीस देनी होगी। कालोनी और मोहल्ले में नगर निगम में 4 रुपए, नगरपालिका में 3 रुपए, नगर परिषद में दो रुपए प्रतिवर्ष प्रतिवर्गफीट शुल्क देना होगा। छोटे और मध्यम आकार के बाजार के मामले में नगर निगम में 5 रुपए, नगरपालिका में 4 रुपए, नगर परिषद में 3 रुपए और वृहद बाजार के मामले में नगर निगम में 6 रुपए, नगरपालिका में 5 रुपए और नगर परिषद क्षेत्र में 4 रुपए प्रतिवर्गफीट प्रतिवर्ष के हिसाब से फीस वसूली जा सकेगी। इसी का सबसे अधिक विरोध हुआ जिसके बाद चुनावी साल में विरोध देखते हुए नियम लागू करने का आदेश स्थगित करना पड़ा।
वाहनों के लिए इतनी लगनी है फीस
इसको लेकर बनाये नियम में यह भी कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति वाहनों का कारोबार करता है तो मिनी ट्रक, पिकअप, जीप के लिए नगर निगम में 400 रुपए, नगरपालिका में 300 रुपए, नगर परिषद में 200 रुपए प्रतिवाहन प्रतिवर्ष देना होगा। इसी तरह आटो रिक्शा, तिपहिया वाहन के लिए नगर निगम में 250 रुपए, नगरपालिका में 200 रुपए और नगर परिषद में 150 रुपए प्रतिवाहन प्रतिवर्ष देना होगा। नियमों में गुमटी, कच्ची दुकानों के लिए भी फीस तय की गई है। इसके लिए नगर निगम 250 रुपए, नगरपालिका 150 रुपए और नगर परिषद 100 रुपए प्रति गुमटी, प्रति कच्ची दुकान हर साल वसूल सकेंगे।
आवेदक परिसर का मालिक है तो बताना होगा
स्थगित नियम व्यवस्था के अनुसार लाइसेंस के लिए जो आवेदन किया जाएगा, उसमें नाम, पता बताने के साथ दुकान, व्यवसाय, कार्यालय का नाम और विवरण देना होगा। साथ ही यह बताना होगा कि जिस परिसर में व्यवसाय कर रहे हैं उसका स्वामी कौन है? अगर खुद आवेदक स्वामी नहीं है तो परिसर मालिक से संबंध भी बताना होगा। साथ ही परिसर में व्यवसाय क्षेत्र का क्षेत्रफल भी वर्गफीट में बताना होगा। इसके लिए आवश्यक आबकारी, पर्यटन, स्वास्थ्य, पीसीबी आदि की एनओसी या लाइसेंस भी साथ रखना होगा। अगर लाइसेंस धारक स्थल परिवर्तन करना चाहता या जहां कारोबार कर रहा है उस स्थल को छोड़ना चाहता है तो इसके लिए उसे नए लाइसेंस का आवेदन करना होगा।
