भोपाल
राजगढ़ के कलेक्टर ने ब्यावरा जनपद के हाल ही में निलंबित किए गए सीईओ के खिलाफ पुलिस में बुधवार को एफआईआर भी दर्ज कराई है। मुख्यमंत्री द्वारा एक शासकीय सेवक के खुलेआम रिश्वत लेने की घटना को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर राजगढ़ को संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारी के निलंबन की कार्यवाही को पर्याप्त नहीं मानते हुए इस तरह के प्रकरण में उनकी सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अनुरूप सख्त कार्यवाही करने की हिदायत दी है। गत 24 अप्रैल को सरपंच से रिश्वत लेते हुए तथा और भी राशि की मांग करते हुए एक वीडियो वायरल होने के बाद भोपाल संभागायुक्त मालसिंह द्वारा जिला पंचायत राजगढ़ के सीईओ के प्रतिवेदन पर जनपद पंचायत ब्यावरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी केके ओझा को निलंबित किया था। सीईओ द्वारा अनधिकृत रूप से एक संरपच से पांच हजार रुपए लेते हुए तथा 25,000 रुपए की और माँग किये जाने संबंधी वीडियो वायरल हुआ था।
कलेक्टर राजगढ़ हर्ष दीक्षित ने बताया कि मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश है कि प्रदेश में कही भी किसी भी शासकीय सेवक द्वारा घूस लेने की घटना को पूरी गंभीरता से लेते हुए ऐसे अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करवाकर उन्हे जेल भेजने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने बताया कि उक्त अधिकारी के विरुद्ध थाना ब्यावरा में जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी देवेन्द्र दीक्षित ने थाना ब्यावरा में धारा 07 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई है। निलंबित केके ओझा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत ब्यावरा के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए साक्ष्य के रूप में सी.डी. और 65 बी भारतीय साक्ष्य अधिनियम का प्रमाण पत्र भी संलग्न किया है ।

share