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ब्यूरोक्रेसी पर शिवराज का तंज : IAS हूं, 2 मिनट में ठीक कर दूंगा, ऐसा घमंड नहीं होना चाहिए

 भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्यूरोक्रेसी पर तंज कसते हुए कहा है कि मैंने कई अफसरों को देखा है कि वे कहते हैं, आईएएस हूं, दो मिनट में सही कर दूंगा। इस तरह का घमंड आना किसी आईएएस, आईपीएस या आईएफएस अफसर के लिए ठीक नहीं है। हम जनसेवक हैं। हमें घमंड नहीं होना चाहिए। अगर मुख्यमंत्री को घमंड आ जाए तो जनसेवा कैसे होगी? हमें अहंकार शून्य होना चाहिए, आखिर घमंड किस बात का है।

राजधानी के प्रशासन अकादमी में सिविल सर्विस डे पर अधिकारियों को संबोधित करते हुए सीएम चौहान ने कहा कि अफसरों को कई बार अच्छा करने के बाद भी सराहना नहीं मिलती है। राजनीतिक दृष्टि और मीडिया की दृष्टि उन्हें उत्साहित नहीं करती लेकिन हमें धैर्यपूर्वक रास्ता निकालना चाहिए। धैर्य नहीं खोना है। उत्साह में कमी न हो क्योंकि उत्साह कम होगा तो परिणाम सही नहीं आ पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोक सेवक हैं और मूल काम देश व समाज सेवा है। कार्यक्रम की थीम सिविल सर्विस 2023 : विकसित भारत में नागरिकों को सशक्त करना और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है, का जिक्र करते हुए सीएम चौहान ने कहा कि प्रदेश में जनता और प्रशासन के बीच की दूरी समाप्त हुई है। हमारे कार्यक्रम जनता के कार्यक्रम होते हैं। हमने पंचायतों के आधार पर दर्जनों योजनाएं बनाई हैं। जनता की निर्णय में भागीदारी हमारी सरकार की विशेषता रही है। लाट साहब का रोल खत्म हुआ है और कलेक्टर से आसानी से लोग मिल पा रहे हैं। इसी कारण हम अलग कार्य संस्कृति बनाने में सफल हो पाए हैं। 

10 मई से चलाएंगे समस्या खत्म करने का अभियान

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जन सेवा अभियान में जिस तरह से काम हुआ वह काबिलेतारीफ है। विकास यात्रा भी उदाहरण है और अब 10 मई से फिर अभियान चलाएंगे जिसमें लोगों के बीच जाकर समस्या खत्म करने का काम करेंगे। उन्होंने राजस्व विभाग के शामिल खाते का जिक्र करते हुए कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों के नाम लिखे रहते हैं। इसलिए देखने में आया है कि आदिवासी क्षेत्रों में आदिवासी योजनाओं के लाभ से वंचित रहते हैं। इसे सही करना है। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में और सुधार की जरूरत बताई और कहा कि इसे ब्लैकमेलिंग का आधार बनाने वालों को रोकने के लिए सही करना होगा। 

बुरहानपुर के प्रशासन की सराहना

सीएम चौहान ने बुरहानपुर में पिछले माह हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यहां के प्रशासन ने धैर्यपूर्वक समस्या का समाधान किया और यही जिला हर घर जल पहुंचाने के लिए पीएम उत्कृष्टता पुरस्कार पा रहा है। गति शक्ति प्रोजेक्ट के लिए मिलने वाले पीएम उत्कृष्टता पुरस्कार की भी उन्होंने सराहना की। 

आखिर कितना धन चाहिए, हमेशा उत्साह से काम करने वाले बनें

सीएम चौहान ने संबोधन के दौरान कई उदाहरणों के जरिये अफसरों को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि जीवन के लिए आखिर कितना धन चाहिए। यह ध्यान देने की जरूरत है। न्यूनतम आवश्यकता की पूर्ति हो, यही अच्छा होता है। कई बार तो सुनने में आता है कि अधिकारी लूप लाइन में डाल देने से तनाव में आ जाते हैं जबकि कोई काम लूप लाइन का नहीं होता। कई बार अप्रासंगिक काम को सफल बनाकर प्रासंगिकता साबित कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि हमेशा उत्साह से काम करने वाले बनें क्योंकि उत्साह से काम करने वाले मुर्दा को भी जिन्दा कर देते हैं जबकि निरुत्साही लोग जिन्दा को मुर्दा बनाने का काम करते हैं। उन्होंने अफसरों से कहा कि वे अपने परिवार को भी समय देने का ध्यान रखें। 

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