भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के नवनियुक्त शिक्षकों की सैलरी को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि शिक्षकों को नियुक्ति के बाद पहले साल 70 प्रतिशत सैलरी मिलेगी और दूसरे साल से सौ फीसदी यानी पूरी सैलरी मिलने लगेगी। सीएम ने नव नियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में नसीहत देते हुए यह भी कहा कि शिक्षक का काम गुरु का है, इस संकल्प के साथ पढ़ाने के लिए विद्यालय पहुंचें। अपने आचरण से गुरु बनें। ऐसा नहीं हो कि चलो यार.... नौकरी लग गई, अब रोजगार मिल गया, अब रोटी की चिंता नहीं है? हमारा काम सिर्फ रोजगार पाना नहीं है, हमारा काम मिशन का है जिसे पूरा करना होगा।
सीएम चौहान ने ये बातें बुधवार को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को तय करना होगा कि उन्हें सामान्य शिक्षक की तरह पढ़ाना है या फिर शिक्षा के क्षेत्र में इतिहास रचना है और भावी पीढ़ी का निर्माण करना है। नशा, धू्म्रपान और अन्य बुरी आदतों से जब शिक्षक खुद दूर रहेंगे तो अपने आचरण से वे बच्चों को बदल सकेंगे। बच्चों को बदलने के लिए स्वयं को बदलना होगा। सीएम चौहान ने कहा कि आप अपने आचरण से बच्चों को सिखा सकते हैं, भाषण से नहीं सिखा सकते। शिक्षकों को बच्चों को ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार शिक्षा पहली प्राथमिकता में रखना होगा। इसके साथ लैंगिक समानता भी बतानी होगी ताकि बेटा बेटी में भेदभाव की स्थिति न बने।
कहानियां सुनाते कहा.... बोर तो नहीं हो रहे
शिक्षकों को संबोधित करने के दौरान सीएम चौहान ने आधा दर्जन अलग-अलग कहानियां सुनाईं। अंतिम दो कहानी सुनाने के पहले उन्होंने पूछ भी लिया कि बोर तो नहीं हो रहे। इस कार्यक्रम को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने संबोधित करते हुए कहा कि नेशनल एचीवमेंट सर्वे रिपोर्ट में पहले मध्यप्रदेश 17वें स्थान पर था और अब 5 वें स्थान पर आ गया है। उन्होंने शिक्षा विभाग में नियुक्तियों की जानकारी दी। गौरतलब है कि मार्च में 22 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश स्कूल शिक्षा और आजाक विभाग द्वारा जारी किए गए और इनमें से दो हजार के करीब बुधवार को सीएम के कार्यक्रम में प्रशिक्षण के लिए पहुंचे थे।