भोपाल
भोपाल के लालघाटी में फर्जी बैंक गारंटी के जरिये शराब का ठेका दिए जाने के मामले में आबकारी विभाग के तीन अफसरों पर निलंबन की गाज गिरी है। इस मामले में जोड़-तोड़ करने में सफल रहे उपायुक्त और सहायक आबकारी आयुक्त स्तर के अफसरों को बचाया गया है जबकि फर्जी बैंक गारंटी के मामले में समय पर जांच नहीं कराने से इनकी प्रमुख भूमिका है।
आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव द्वारा 1.84 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी के मामले में जिन अफसरों के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई है उसमें सहायक जिला आबकारी अधिकारी सुदीप तोमर, आबकारी उप निरीक्षक सीमा कसीसिया, सर्किल प्रभारी और सहायक आबकारी अधिकारी ओमप्रकाश जामोद ठेका प्रभारी शामिल हैं। इस मामले में उपायुक्त अजय शर्मा और सहायक आयुक्त आबकारी राकेश कुर्मी पर कार्रवाई नहीं की गई है जबकि समय पर जांच न कराने पर इनकी लापरवाही भी पाई गई है। गौरतलब है कि भोपाल में लालघाटी गु्रप की दो दुकानों को उच्चतम बोली लगाकर मेहता एंड राठौड़ एसोसिएट्स ने 1 करोड़ 84 लाख रुपए की बैंक गारंटी विभाग में जमा कराई गई थी। यह डीडी पश्चिम बंगाल से बनवाई गई थी। सत्यापन कराने पर यह फर्जी निकली थी। इसके बाद ठेकेदार पर एफआईआर हुई है लेकिन भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों को बचा लिया गया है।
इनका कहना....
आबकारी आयुक्त के निर्देश पर शराब ठेकेदारों द्वारा जमा कराई गई बैंक गारंटी की जांच कराई जा रही है। फर्जी बैंक गारंटी मामले में आबकारी आयुक्त के द्वारा तीन पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।
- दीपम रायचूरा, सहायक आबकारी आयुक्त
