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DMF से पांच करोड़ तक के कामों को बढ़े कलेक्टर के पॉवर, मंत्री की परमिशन जरूरी नहीं

भोपाल

 मध्यप्रदेश में अब जिला खनिज कोष से पांच करोड़ रुपए तक की परियोजनाओं को स्वीकृति जिलों में कलेक्टर सीधे दे सकेंगे। इसके लिए प्रस्ताव मंत्रियों को नहीं भेजना पड़ेगा। वहीं अब इस फंड से सभी तरक के परिवहन से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन सुविधाओं और उर्जा तथा वाटरशेड के काम भी हो सकेंगे। इसके लिए खनिज विभाग ने जिला खनिज प्रतिष्ठान नियमों में संशोधन कर दिया है।

अभी तक जिला खनिज प्रतिष्ठान से होंने वाले कामों के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए राज्य शासन और प्रशासकीय अनुमोदन के लिए मंत्री तक जाते थे। अब इसमें पांच करोड़ रुपए तक के छोटे कामों के अधिकार सीधे कलेक्टरों को दे दिए गए है। पांच करोड़ से कम के मूल्य की परियोजना जिला खनिज प्रतिष्ठान द्वारा विभागीय पोर्टल के माध्यम से संबंधित विभाग को भेजी जाएगी। संबंधित विभाग के अभिमत के अनुसार और सक्षम प्राधिकारी की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर कलेक्टर और अध्यक्ष जिला खनिज प्रतिष्ठान इसमें मंजूरी दे सकेंगे।


पांच करोड़ से अधिक मूल्य की परियोजनाओं को जिला खनिज प्रतिष्ठान द्वारा विभागीय पोर्टल के माध्यम से संबंधित विभाग को भेजा जाएगा। संबंधित विभाग के अभिमत अनुसार एवं सक्षम प्राधिकारी की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर राज्य शासन की स्वीकृति और विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद कलेक्टर, एवं अध्यक्ष जिला खनिज प्रतिष्ठान इसमें प्रशासकीय स्वीकृति जारी करेंगे।

उर्जा, वाटरशेड, परिवहन और पर्यटन सुविधाओं से जुड़े काम भी होंगे- जिला खनिज कोष से अब कई नए काम भी हो सकेंगे। उर्जा के वैकल्पिक स्रोतों तथा वर्षा जल संग्रहण प्रणाली के विकास, बागों और समेकित खेती तथा आर्थिक वनोद्योग, जलसंग्रहण का प्रत्यावर्तन और विद्युतीकरण के काम इस फंड से हो सकेंगे। इसके अलावा सड़क, सेतु, रेलवे, जलमार्ग, वायु मार्ग एवं अन्य परिवहन के माध्यमों संबंधी अधोसंरचनाएं पर्यटन संबंधी अधोसंरचना और सामुदायिक महत्व के अन्य जनोपयोगी अधोसंरचना के काम इस कोष से हो सकेंगे।

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