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शहरों में अब लाइसेंस के साथ जमीन देगी सरकार, खेती के लिए भी मिलेगी भूमि

भोपाल

प्रदेश में अब शहरी क्षेत्र की जमीन लाइसेंस पर दी जा सकेगी। सरकार ने इसके दायरे में तम्बू, शामियाना, पुल-पुलिया व रोपवे निर्माण और गौशाला को शामिल किया है। इसके साथ ही शहर की सीमा से सटे इलाकों में भूमिहीनों को खेती के लिए जमीन देने के प्रावधान नजूल निर्वर्तन नियमों में किए गए हैं। 

शासन ने तय किया है कि जिस प्रयोजन के लिए नजूल भूमि लाइसेंस पर दी जा सकती है उसमें ऐसी बगैर अतिक्रमण वाली खुली नजूल भूमि शामिल होगी जिस पर किसी भी तरह का कंसट्रक्सन किए बगैर तय अवधि के लिए उसका उपयोग किया जा सके। ऐसे जमीन पर तम्बू या शामियाना लगाने या निर्माण सामग्री इकट्ठी कर तीन माह के लिए लाइसेंस लिया जा सकेगा। साथ ही नदी या नाले पर आवागमन के लिए पुल, पुलिया निर्माण या कन्वेयर बेल्ट या रोप ट्राली द्वारा सामग्री एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिए कम से कम जरूरी कंसट्रक्शन के साथ संबंधित भूमि का लाइसेंस दिया जा सकेगा। इसके लिए दस साल तक की अवधि के लिए जिला नजूल निर्वर्तन समिति लाइसेंस दे सकेगी। इसके अलावा गौशाला के लिए दस एकड़ तक भूमि जिला नजूल निर्वर्तन समिति के माध्यम से और दस एकड़ से अधिक भूमि पशु पालन विभाग द्वारा निर्धारित लाइसेंस अवधि के आधार पर पशुपालन विभाग के सक्षम अधिकारी की सहमति पर दी जा सकेगी। नियमों में कहा गया है कि लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। यदि आवेदक चाहे तो फिर उसे नया लाइसेंस जारी किया जा सकेगा। गौशाला के लिए जो जमीन दी जाएगी उशमें कम से कम पचास गौवंश होने चाहिए। एक ग्राम पंचायतक में एक गौशाला समिति के लिए 100 गौवंश की खातिर अधिकतम ढाई एकड़ तक जमीन लाइसेंस के तौर पर दी जा सकेगी। 

इतनी होगी फीस

लाइसेंस के जरिये जमीन लेने वालों से सरकार छह माह से कम अवधि के लिए पांच सौ रुपए और अन्य मामले में एक हजार रुपए का प्रक्रिया शुल्क लेगी। इसके अलावा तंबू या शामियाना के लिए जमीन चाहने पर भूखंड के बाजार मूल्य का आधा प्रतिशत, नदी या नाले के ऊपर से पुल, पुलिया निर्माण के लिए भूमि के बाजार मूल्य का एक प्रतिशत फीस जमा करनी होगी। गौशाला के लिए एख रुपए वार्षिक लाइसेंस फीस ली जाएगी। 

खेती के लिए भी दी जाएगी भूमि

नजूल निर्वर्तन नियमों में कहा गया है कि नगरेत्तर क्षेत्र में भूमिहीन व्यक्तियों को भूमिस्वामी हक में खेती के लिए भूमि आवंटित करने का अधिकार जिला नजूल निर्वर्तन समिति को होगा। यह भूमि नगर सीमा से पांच किमी और नेशनल हाइवे के दोनों ओर एक किमी और पीएमजीएसवाई रोड के दोनों ओर पांच-पांच सौ मीटर के दायरे में नहीं होना चाहिए। जमीन उपलब्ध होने पर सबसे पहले एसटी, फिर एससी, ओबीसी और अन्त में अन्य वर्ग को आवंटित की जा सकेगी। 

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