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4 हजार कर्मचारियों को नहीं मिला सतपुड़ा भवन में प्रवेश, आग के बाद रोका, कोरोना में टेंडर खरीदी की फाइलें जलीं

 भोपाल

राजधानी के सतपुड़ा भवन में लगी आग के बाद यहां काम करने वाले चार हजार कर्मचारियों को मंगलवार को दफ्तर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। सरकार द्वारा इन कर्मचारियों को आगजनी के कारण बने हालातों पर अवकाश नहीं घोषित करने के चलते ये रोजाना की तरह दफ्तर पहुंचे और वहां पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक दिया। ऐसे में यहां कर्मचारियों का भारी जमावड़ा रहा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन कर्मचारियों को कब से काम पर बुलाया जाएगा। शासन ने मंगलवार शाम को आदेश जारी कर बुधवार को भी सतपुड़ा भवन में लगने वाले विभागों के कर्मचारियों के लिए अवकाश घोषित किया है।

सतपुड़ा भवन के 3 से छह फ्लोर के बीच संचालित दफ्तरों में लगी आग से सब कुछ खाक होने के बाद फिलहाल जो स्थिति है उसके मुताबिक कर्मचारियों को यहां बैठकर काम करने के लिए भी संसाधन उपलब्ध कराने की चुनौती है। कुर्सी-टेबल और आलमारियां और फाइलें सब कुछ खाक होने के कारण यहां क्या काम करना होगा? यह भी कर्मचारी समझ नहीं पा रहे हैं। कर्मचारी नेता लक्ष्मीनारायण शर्मा बताते हैं कि किसी को भी दफ्तर में नहीं घुसने देने से सभी बाहर रुके रहे। अब सरकार के आगामी निर्देश का इंतजार कर्मचारियों को है कि कब से कैसे और कहां बैठकर काम करना है क्योंकि न तो कुर्सियां हैं और न फाइलें हैं तो दिक्कत होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि सोमवार को लगी आग के बाद मंगलवार को दफ्तर आने के लिए किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई थी। इसलिए कर्मचारी कार्यालय पहुंचे थे। 

कोरोना खरीदी, लोकायुक्त छापे की फाइलें जलीं

स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के अनुसार आग के कारण सिर्फ स्थापना ही नहीं बल्कि कोरोना काल में हुई खरीदी से संबंधित फाइलें और लोकायुक्त छापे के दस्तावेज जले हैं। इसके अलावा शिकायत और योजनाओं पर खर्च से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी इस आग में खाक हो गए हैं। 

कई दफ्तरों में रेनोवेशन पर हुए थे करोड़ों खर्च

इस बिल्डिंग में लगने वाले दफ्तरों में कई दफ्तरों का रेनोवेशन कराया गया था। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एक हफ्ते पहले ही नए रेनोवेशन के बाद दफ्तर में बैठना शुरू किए थे। यहां 13 हजार रुपए की एक कुर्सी खरीदी गई थी। इस तरह करोड़ों रुपए का नुकसान अकेले स्वास्थ्य विभाग में हुआ है। इसके अलावा आदिम जाति विकास विभाग और परिवहन विभाग के केंद्र और राज्य सरकार से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जले हैं। 

कांग्रेस का हमला, सत्ता परिवर्तन की आहट पर लगती है दफ्तरों में आग

कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने मंगलवार को किए ट्वीट में कहा कि सत्ता परिवर्तन की आहट जब होती है तो शासकीय कार्यालयों में आग लग जाती है। सेना को और सभी को आग बुझाने के लिए धन्यवाद। ऐसा पहले भी हुआ है, अजीब संयोग है,है ना? 

उधर पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने भी इस आग को लेकर ट्वीट में कहा कि सतपुड़ा भवन अभी तक जल रहा है। सेना के वीर जवान, दमकल कर्मी पूरी ताकत से आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रभु कृपा से कोई जनहानि नही हुई। यह मध्यप्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार की लपटें हंै जो कई घण्टे के बाद भी उठ रही हैं, कई महत्वपूर्ण विभागों के भ्रष्टाचार की फाइलें जलाकर खाक कर दी गईं। यह आग किन परिस्थितियों में लगी, आखिर इतने महत्वपूर्ण भवन में क्यों आग पर काबू पाने पर्याप्त साधन नही थे? इस अग्निकांड की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।

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