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सतपुड़ा में आग पर CM ने ली हाईलेवल मीटिंग, 3 दिन में मांगी रिपोर्ट, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को नहीं दी एंट्री

 भोपाल 

सतपुडा भवन में लगी आग के मामले में उच्च स्तरीय जांच के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को बैठक बुलाई। उनके साथ गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित मुख्य सचिव, डीजीपी, एससीएस होम सहित अन्य अफसर इसमें मौजूद थे। बैठक के बाद दोपहर में सीएम द्वारा बनाई गई जांच कमेटी में शामिल अफसरों ने भवन में जाकर जांच की। उधर नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह भी कांग्रेस विधायकों के साथ यहां लगी आग की जांच करने पहुंचे जिन्हें पुलिस ने भवन की कितनी जाने से रोक दिया।

बैठक के बाद गृह मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जो दस्तावेज यहां पर रखे हुए थे, वे कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव में सुरक्षित रखे हुए हैं। दस्तावेज फिर से तैयार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि आग लगने के कारण की जांच आज से ही कमेटी करना शुरू कर देगी। तीन दिन में जांच रिपोर्ट आ जाएगी। उन्होंने  कहा कि चार हजार कर्मचारी इस भवन में काम करते हैं। शाम को यह तय हो जाएगा कि उनके लिए वैकल्पिक जगह कौन सी फिलहाल काम करने के लिए दी जाए। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि चार हजार लोगों के बीच में कौन आग लगाएगा। कांग्रेस के आरोप निराधार है। 

जांच समिति ने किया निरीक्षण

सतपुड़ा भवन में आग लगने की घटना के क्रम में समिति द्वारा 1 बजे से 3 बजे के मध्य तीसरी से छठी मंज़िलों का विस्तृत निरीक्षण किया गया। इलेक्ट्रिकल सेफ़्टी, PWD के E&M विंग और फ़ोरेंसिक साइयन्स लैब्ज़ के एक्स्पर्ट्स की टीम से गहन परीक्षण कराया गया और FSL द्वारा आधा दर्जन सैम्पल्ज़ FSL में टेस्ट के लिए एकत्र किए गए। समिति द्वारा विभिन्न कर्मचारियों अधिकारियों के बयान पंक्तिबद्ध किए गए। कल भी सतपुड़ा भवन का एक बार और निरीक्षण किया जावेगा और लगभग 20 और लोगों के बयान बुधवार और गुरुवार लिए जावेंगे। तीन दिवस में जाँच रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जायेगा।

कमलनाथ का सवाल- आग लगी या लगाई गई 

सतपुड़ा भवन में लगी आग ने प्रदेश की सियासत को भी भड़का दिया है। प्रदेश कांग्रेस कमलनाथ ने इस मामले सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया है कि यह आग लगी है या लगाई गई है। उन्होंने कहा कि यह बड़े भ्रष्टाचार का मामला है। अभी तक 12 हजार फाईले जलने की बात की जा रही है, लेकिन हकीकत में इससे ज्यादा फाईले जलने की आशंका है। उन्होंने स्वतंत्र एजेंसी से जांच करने की मांग करते हुए कहा कि कमलनाथ ने कहा कि भाजपा सरकार की तैयारी सिर्फ पैसा कमाने की है। 

कांग्रेस ने कोविड खर्च की फाईल जलने की जताई आशंका 

वहीं प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने पत्रकार वार्ता कर आरोप लगाया है कि यह भ्रष्टाचार को नष्ट करने का हथकंडा है। यह साजिश के साथ मानव निर्मित आग है, इसमें कोविड के दौरान हुए खर्चो को लेकर भी फाईल थी, जो अब नष्ट कर दी गई है। यह बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है, जिसकी फाईलों में आग लगी है। इसमें घोटालों के आरोपों के साक्ष्यों को नष्ट करने का काम किया गया है। इस आग से यह भी साफ हो गया है कि सरकार आत्मनिर्भर भी नहीं है। अपने मंत्रालय की आग पर काबू नहीं पा सकती वह प्रदेश कैसे आत्मनिर्भर होगा। मिश्रा ने यह भी कहा कि क्या कारण है कि भाजपा सरकार में ही मंत्रालय में आग लगती है। वह भी चुनाव के ठीक पहले। इससे पहले भी जब-जब कांग्रेस ने जिन-जिन विभागों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए उनमें आग लगी। व्यापमं, परिवहन, स्वास्थ्य विभाग में दफ्तरों में पूर्व में आग लग चुकी है। इसमें कई ऐसी फाईले भी जलने की आशंका है जिन पर लोकायुक्त या ईओडब्ल्यू जांच कर रही है। मिश्रा ने आशंका जताई कि स्मार्ट सिटी के दफ्तर में भी इसी तरह से जल्द आग लग सकती है और भ्रष्टाचार से जुड़ी फाईलों को नष्ट किया जा सकता है। 

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