कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान में अराजकता की हद हो गई है, भ्रष्टाचार चरम पर है साथ ही बेरोजगारी राजस्थान में अभिशाप बन गई है। हद तो तब हो गई है कि बेरोजगारी के कारण परेशान बेटा अपने मां-बाप को तंग कर रहा था तो पिता ने बेरोजगार बेटे की तलवार से काट कर हत्या कर दी। राजस्थान में मां -बाप ने एक युवक की शादी कर दी पर युवक को कोई रोजगार प्राप्त नहीं हो रहा था, जवाबदारी एवं जिम्मेदारी बढ़ने पर वह अपने माता-पिता पर बोझ बन गया था। पत्नी दैनिक जीवन की अपनी रोज़मर्रा की जरुरतों के लिये लगातार विभिन्न तरह की मांग उस बेरोजगार युवक से करती थी, बेरोजगारी कहीं ना कहीं उस परिवार में कलह का एक कारण बन गई थी, पत्नी द्वारा लगातार मांग करने पर बेटा अपने पिता के सामने उन बातों को रखता था और धीरे-धीरे बातें लड़ाई में बदल जाती थीं।
बेरोजगार युवक लगातार अपने माता-पिता को परेशान कर रहा था और उनके बीच लगातार झगड़े बढ़ते जा रहे थे ।एक दिन गुस्से में आकर पिता ने अपने बेरोजगार बेटे पर तलवार से हमला कर उसकी हत्या कर दी। इस युवक की हत्या का पूरा पाप राजस्थान की गहलोत सरकार पर लगता है क्योंकि युवाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाकर राजस्थान में गहलोत सरकार सत्तासीन हुई थी पर वह युवाओं के लिए कभी ना पूरे हो पाने वाले सपने साबित हो रहे हैं और राजस्थान का पढ़ा-लिखा युवा बेरोजगारी का दंश सह रहा है। राजस्थान की सरकार भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान रचने में लगी हुई है इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सड़क पर उतरे हुए हैं पर कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व आंखों पर बंद हुई पट्टी खोल नहीं रहा है,गांधारी बना हुआ है और इसका खामियाजा राजस्थान की जनता भोग रही है। सोचने वाला विषय यह है कि जिस पिता ने अपना खून पिला- पिला कर बच्चों को इतना बड़ा किया था वह कितना मजबूर हो गया होगा कि अपने जिगर के टुकड़े के टुकड़े-टुकड़े कर दिए, यह जघन्य पाप कहीं ना कहीं कांग्रेस के नेतृत्व को नजर आना चाहिए। जनता सपनों के सौदागर अशोक गहलोत को भलीभांति समझ गई है और वह राजस्थान में सरकार का परिवर्तन तय कर चुकी है पर उन्हें ठगने वालों को सिर्फ यह सजा कि वह सत्ता से बाहर हो जाएं कम है।
(लेखक मध्यप्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं)

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