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आ गया आषाढ़, कागजों में रह गई सड़कों को गड्ढामुक्त रखने की व्यवस्था, जिलों में PWD के आदेश पर अमल नहीं

भोपाल

प्रदेश में बारिश के पहले सड़कों के गड्ढे भरने और वर्षाकाल के दौरान त्वरित सुधार के लिए लागू की गई लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव की व्यवस्था कागजों में ही धरी रह गई है। ग्रामीण और कस्बाई इलाकों की सड़कों के गड्ढे भरने का काम अब तक पूरा नहीं हो सका है जबकि बारिश का महीना आषाढ़ सोमवार से शुरू हो जाएगा। सड़कों के गड्ढे भरना तो दूर कई इलाकों में सड़कों को खोदकर छोड़ दिया गया है और इंजीनियरों की लापरवाही वहां से गुजरने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। 

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने करीब 2 माह पहले एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि वर्षाकाल में सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती है। इन सड़कों के गड्ढे और क्षति का आंकलन करने से लेकर ठेकेदार के चयन और एग्रीमेंट तक दो माह का समय लगता है। ऐसे में गड्ढों का साइज बढ़ जाता है। इसलिए इस साल सड़कों को गड्ढा मुक्त रखने का अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए तय किया गया है कि बारिश के पूर्व प्रिवेंटिव मेंटेनेंस कर सड़कों पर गड्ढे होने ही नहीं दिए जाएंगे। अगर ऐसा हो गया है तो उसे तुरंत चिन्हित कर मेंटेनेंस की कार्यवाही की जाएगी। इस निर्देश के विपरीत स्थिति यह है कि सड़कों में गड्ढे भरे जाना तो दूर उनके आकार बढ़ने का सिलसिला जारी है। इसकी बानगी राजधानी भोपाल में ही पीडब्ल्यूडी की सड़कों के निरीक्षण में देखी जा सकती है।

अफसरों के बीच सड़कों का विभाजन

विभाग के प्रमुख सचिव ने फील्ड के अफसरों के बीच सड़कों को उपयंत्री, एसडीओ और कार्यपालन यंत्री के बीच विभाजित करने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि इनकी निगरानी के लिए बारिश में ये अधिकारी सीधे जिम्मेदार होंगे। सड़क विकास निगम भी इसी तरह का विभाजन कर सड़कों की जिम्मेदारी निगम के अफसरों को सौंपेगा। इसके लिए सभी इंजीनियरों को अपनी सड़कों का निरीक्षण कर सड़कों के कमजोर भाग, क्रेक्स, रेवलिंग आदि की चेनेजवार जानकारी रखने के लिए कहा गया है। इस पर भी काम नहीं हो सका है।

मेंटेनेंस प्रस्ताव तैयार कर वर्कशाप खोलना है

प्रमुख सचिव ने कहा था कि डीएलपी मुक्त सड़कों के लिए संभाग स्तर पर मेंटेनेंस प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे और टेंडर के माध्यम से मेंटेनेंस ठेकेदारों का चयन किया जाएगा। मेंटेनेंस के  टेंडर में आवश्यक मशीनरी, मानव संसाधन, सामग्री और मेंटेनेंस प्रक्रिया का डिटेल होगा और सड़कों पर गड्ढे होने की दशा में पेनाल्टी का भी प्रावधान होगा। जिन ठेकेदारों को चुना जाएगा उनके द्वारा मेंटेनेंस वर्कशाप स्थापित किए जाएंगे और आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। बारिश के दौरान वर्कशाप एक्टिव रहेंगे और सड़कों की निगरानी कर सूचना मिलते ही क्षति सुधार की कार्यवाही करेंगे। इस तरह की वर्कशाप स्थापित किया जाना बाकी है। 

हफ्ते में इंस्पेक्शन भी करना है

सभी सब इंजीनयर, एसडीओ और कार्यपालन यंत्री व सड़क विकास निगम के इंजीनियर बारिश में अपनी सड़कों का साप्ताहिक निरीक्षण करेंगे। साप्ताहिक निरीक्षण रिपोर्ट हर शुक्रवार को अधीक्षण यंत्री और मुख्य अभियंता कार्यालय भेजी जाएगी। इसमें व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर ठेकेदारों, जनप्रतिनिधि और मुख्य अभियंता समेत अन्य अधिकारियों के नम्बर शामिल करने के लिए भी कहा गया है। विभागीय अधिकारी जीपीएस कैमरा एप से ली गई फोटो के साथ सूचना देंगे और संबंधित ठेकेदार को समय सीमा में सुधार कर ग्रुप में इसे शेयर करना होगा। समय पर काम न करने वाले ठेकेदारों पर पेनाल्टी भी लगाने के लिए कहा गया है। 

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