मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सचमुच भोले भंडारी और करुणा की मूर्ति हैं। सीधी में हुई घटना ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विचलित कर दिया था, उनका चेहरा विगत दो दिनों से यह बता रहा था। उन्होंने अपराधी को उसके मुकाम जेल पहुंचाया, उसके अवैध निर्माण को तोड़ा, रासुका की कार्रवाई की ,इससे भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बेचैनी दूर नहीं हुई। हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार देखा गया कि अपराध एक घिनौने विक्षिप्त अपराधी ने किया पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मासूम पीड़ित व्यक्ति को अपने निवास पर बुलाकर उसके पैर धोए और उस जल को अपने माथे से लगाया और मासूम से माफी मांगी। ऐसा करुणामई दृश्य ना पहले हुआ और ना दिखाई दिया।
भारत के इतिहास में यह पहली बिरला घटना थी जिसे सुनकर देखकर लोगों को आश्चर्य हुआ कि कोई मुख्यमंत्री इतना सहज सरल भोला भी हो सकता है। जो अपने प्रदेश के आमजन की इतनी चिंता भी करता है । पूर्व में भी देखने में आया है कि मध्यप्रदेश में अगर बाढ़ आई या कोई और घटना हुई तो प्रदेश के मुखिया की नींद उड़ जाती है ,खाना पीना छोड़ कर आमजन की सेवा में लगातार लगे रहते हैं और अपने सरकार के सभी संसाधन उन पीड़ित प्रदेशवासियों की सेवा में लगा देते हैं। लगातार घटनास्थल की पल-पल की जानकारी लेते हैं और घटनास्थल पर पहुंचकर अपने प्रदेशवासियों के दुख कैसे दूर किया जा सकते हैं, वह हर संभव कदम तुरंत उठाते हैं चाहे चंबल संभाग की बाढ़ हो या उत्तराखंड की बस दुर्घटना ऐसे सहज, सरल और आमजन के दुख में दुखी होने वाले पूरे देश में इकलौते मुख्यमंत्री हैं जो अपनी प्रजा और आमजन की इतनी चिंता करते हैं। हम प्रदेश वासी बड़े भाग्यशाली हैं जो हमें शिवराज सिंह चौहान जैसे मुख्यमंत्री मिले जो प्रदेश वासियों की सेवा एक सेवक की तरह निरंतर कर रहे हैं और उनके सुख-दुख में एक परिवार के सदस्य की तरह कंधे से कंधा मिला कर खड़े रहते हैं।
(लेखक मध्यप्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं)
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