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तमाम कोशिशों के बाद भी बागी हुए सुर, बीजेपी कैंडिडेट्स के विरोध में उतरने लगे दावेदारों के समर्थक

 भोपाल

चुनाव के तीन माह पहले टिकट घोषित करने के बाद भाजपा की 39 विधानसभा सीटों में से अधिकांश में नेताओं के बागी सुर झलकने लगे हैं। हालांकि पार्टी की स्ट्रेटजी इससे होने वाले डैमेज को कंट्रोल करने के लिए ही आचार संहिता लागू होने के पहले टिकट घोषित करने वाली रही है लेकिन जिन नेताओं के टिकट मिलने का रास्ता बंद हो गया है वे और उनके समर्थक विरोध भी जताने लगे हैं। उधर बीजेपी नेतृत्व ने यह भी साफ कर दिया है कि चुनाव में जिताऊ और टिकाऊ प्रत्याशी ही चलेंगे। इसके लिए कोई क्राइटेरिया लागू नहीं होगा। न बार-बार हारे हुए का बंधन, न उम्र की सीमा, न वंशवाद या परिवारवाद और न ही किसी दूसरे दल से आए हुए नेताओं को टिकट देने जैसी परिस्थिति, सारे बंधन जीत के फार्मूले के आगे दरकिनार कर टिकट दिए जाएंगे। 

पार्टी द्वारा घोषित किए गए जिन विधानसभा क्षेत्रों में स्थानीय नेताओं के बागी होने के सुर सामने आने लगे हैं, उनमें 39 में से आधी विधानसभा सीटें शामिल हैं। जिन सीटों पर पिछले चुनाव में हारे या उनके परिजनों को टिकट दिया गया है वहां दूसरे दावेदारों के समर्थक विरोध जता रहे हैं तो जहां विधानसभा सीटों में बदलाव की स्थिति बनी है वहां भी विरोध के स्वर गूंजने लगे हैं। 

लांजी विधानसभा

बालाघाट जिले के लांजी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के नेता राजकुमार कर्राहे को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। आप नेता राजकुमार को टिकट मिलने के बाद में बीजेपी के मेंबर पर पहुंचे थे। कर्राहे को टिकट दिए जाने के विरोध में स्थानीय भाजपा नेताओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन भी किया है और कहा है कि टिकट नहीं बदला तो बीजेपी को यहां हर का सामना करना पड़ेगा। रमेश भटेरे के समर्थको ने कहा कि जिस तरीके से मेहनत भटेरे ने की थी उसे पार्टी ने नजरअंदाज किया है।

बड़वारा विधानसभा

बड़वारा विधानसभा सीट से पिछले बार मोती कश्यप को टिकट मिला था और वे हार गए थे। इस बार पार्टी ने धीरेंद्र सिंह को टिकट दिया है जो नया चेहरा हैं। कश्यप समर्थक विरोध की रणनीति में जुट गए हैं। 

पुष्पराजगढ़ विधानसभा

शहडोल जिले के पुष्पराजगढ़ सीट पर भाजपा के जिला महामंत्री हीरा सिंह श्याम को टिकट मिला है। वे जनपद में भी पदों पर रह चुके हैं। पिछली बार यहां से पूर्व विधायक नरेंद्र मरावी को टिकट मिला था जो हार गए थे। 

चंदेरी विधानसभा

चंदेरी विधानसभा सीट पर इस चुनाव में पिछली बार हारे भूपेंद्र द्विवेदी के बजाय जगन्नाथ सिंह को टिकट मिला है। इससे द्विवेदी की दावेदारी रुकी है और उनके समर्थक विरोध में हैं।

चांचौड़ा विधानसभा

चांचौड़ा विधानसभा सीट से पूर्व विधायक ममता मीणा की दावेदारी थी लेकिन पिछला चुनाव हार चुकीं ममता को टिकट नहीं दिया गया। इस बार प्रियंका को टिकट मिला है जिसका अंदरूनी विरोध हो रहा है। ममता मीना ने तो यहां तक कहा है कि चुनाव में पैराशूट प्रत्याशी उतरा गया है। बगैर मंडल और जिला स्तर का ओपिनियन लिए यह प्रत्याशी संगठन नेतय कर दिया है।

सोनकच्छ विधानसभा

सोनकच्छ से राजेश सोनकर कैंडिडेट घोषित किए गए हैं। वे सांवेर से दावेदारी कर रहे थे। सोनकर का विरोध सोनकच्छ सीट से दावेदारी कर रहे बीजेपी नेताओं द्वारा किया जा रहा है। 

छतरपुर विधानसभा

बड़ा मलहरा से चुनाव हारी पूर्व मंत्री ललिता यादव को बीजेपी ने इस बार छतरपुर से टिकट दिया है। उनका टिकट फाइनल होने के बाद यहां अर्चना गुड्डू सिंह समर्थकों द्वारा विरोध किए जाने की बात सामने आई है। 

राऊ विधानसभा

राऊ विधानसभा सीट से मधु वर्मा को टिकट दिया गया है। वे पिछला चुनाव भी हारे थे। यहां से प्रदेश संगठन में जिम्मेदारी संभाल रहे जीतू जिराती की दावेदारी थी। हालांकि जिराती ने शुरुआती दौर में यही कहा है कि वे पार्टी के निर्णय में शामिल हैं पर समर्थकों में विरोध के स्वर हैं। 

कुक्षी विधानसभा

कुक्षी विधानसभा सीट पर जयदीप पटेल को टिकट मिला है। इसके बाद पूर्व मंत्री रंजना बघेल और उनके पति मुकाम सिंह किराड़े की दावेदारी बंद हुई है। इसलिए यहां भी बागी सुर निकलने लगे हैं।

महेश्वर विधानसभा

महेश्वर सीट से पूर्व विधायक और पिछले चुनाव में बगावत करने वाले राजकुमार मेव को टिकट मिला है। इस बार पूर्व में घोषित प्रत्याशी भूपेंद्र आर्य का टिकट काटा गया है। इसलिए आर्य समर्थक विरोध कर रहे हैं। 

शाहपुरा विधानसभा

शाहपुरा विधानसभा सीट से बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री और पूर्व मंत्री रह चुके ओपी धुर्वे को टिकट मिला है। धुर्वे यहां के बजाय डिंडोरी से टिकट चाहते थे। वे खुद इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व से बात करने वाले हैं कि टिकट बदल दिया जाए।

गोहद विधानसभा

गोहद विधानसभा सीट से कांग्रेस से पिछला चुनाव हारे बीजेपी अजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य को टिकट मिला है। आर्य कांग्रेस के रणवीर जाटव से हारे थे जो बाद में बीजेपी में आ गए थे और उपचुनाव में हार गए थे। अब उनका टिकट कटने पर उनके कांग्रेस में जाने की संभावनाएं बनने लगी हैं।                                                                         बंडा विधानसभा

बंडा विधानसभा सीट से शिक्षक और सांसद शिवराज सिंह के बेटे वीरेंद्र सिंह को टिकट दिया गया है। इसके पहले पूर्व मंत्री हरनाम सिंह राठौर के बेटे हरवंश सिंह राठौर इस सीट से विधायक रह चुके हैं और पिछला चुनाव कांग्रेस के तरवर सिंह लोधी से हार गए थे। इस बार उनका टिकट काट दिया गया है। ऐसे में राठौर पार्टी छोड़ सकते हैं।

यहां गायब रहा परिवार वाद, वंशवाद

जिन सीटों पर परिवारवाद और वंशवाद को दरकिनार कर टिकट दिए गए हैं, उनमें छतरपुर जिले की महाराजपुर विधानसभा सीट शामिल है जहां पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह के बेटे कामाख्या सिंह को टिकट मिला है। इसी तरह सबलगढ़ में पूर्व एमएलए मेहरबान सिंहरावत की बहू सरला विरेंद्र सिंह और बरगी में प्रतिभा सिंह के बेटे नीरज को टिकट दिया गया है। बालाघाट जिले के लांजी में कल सुबह आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए राजकुमार कर्राहे को टिकट देकर अन्य दलों से दलबदल हेतु भी रास्ता खोला है। वहीं चंदेरी से प्रत्याशी जगन्नाथ सिंह 74 साल के हैं जो उम्र के बंधन को दरकिनार करने वाला है। 

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