भोपाल/झाबुआ
झाबुआ के पूर्व कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी समेत अन्य उनके अधीनस्थ अधिकारीगण को अपने पद का दुरुपयोग करने व भ्रष्टाचार के मामले में राजेन्द्र शर्मा विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम झाबुआ जिला झाबुआ द्वारा चार-चार साल के सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये के जमाने की सजा सुनाई गई है।
सजा पाने वालों में जगदीश शर्मा पिता ब्रजनंदन शर्मा (शास्त्री) तत्कालीन कलेक्टर जिला झाबुआ, जगमोहन पिता गजरूप सिंह धुर्वे तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत झाबुआ, नाथू सिंह पिता नारायणसिंह तंवर परियोजना अधिकारी (तकनीकी) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला पंचायत झाबुआ, अमित पिता आरएस दुबे तत्कालीन जिला समन्वयक, सदाशिव पिता भीमसिंह डाबर तत्कालीन वरिष्ठ लेखाधिकारी जिला पंचायत झाबुआ, आशीष पिता सुरेश कदम तत्कालीन लेखाधिकारी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जिला पंचायत झाबुआ शामिल हैं। इन सबको धारा 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्ट एवं धारा 120(बी) भादवि के अंतर्गत 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 हजार रुपये का अर्थदण्ड तथा 420 भादवि में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000-4000 रूपये से दंडित किया गया है। साथ ही राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश पिता सत्यनारायण शर्मा भोपाल को धारा 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्ट एवं धारा 120(बी) भादवि 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 हजार रुपये का अर्थदण्ड तथा 420 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000 रुपये एवं धारा 467 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
शासन की ओर से प्रकरण का संचालन राजीव रूसिया जिला लोक अभियोजन अधिकारी, मनीषा मुवेल, अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं राजेन्द्र पालसिंह अलावा सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी झाबुआ जिला झाबुआ द्वारा किया गया। जिला मीडिया प्रभारी सूरज बैरागी, अभियोजन अधिकारी झाबुआ द्वारा बताया गया कि विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय इन्दौर संभाग इन्दौर में परिवादी राजेश सोलंकी निवासी मेघनगर जिला झाबुआ द्वारा विशेष न्यायालय झाबुआ के समक्ष एक लिखित परिवाद पत्र 4 फरवरी 2010 को आरोपीगण जगदीश शर्मा आदि के विरुद्ध प्रस्तुत किया गया था, जिसमें परिवादी ने बताया था कि आरोपीगण ने अपने पद का दुरुपयोग कर मध्य प्रदेश शासन के आदेशानुसार शासकीय मुद्रण के समस्त कार्य शासकीय मुद्रणालय से न कराते हुए अन्य मुद्रणालय से कराकर निजी मुद्रणों को अवैध लाभ पहुंचाया है। न्यायालय द्वारा परिवाद जांच को विशेष पुलिस स्थापना इन्दौर को प्रेषित किया गया था।
परिवाद पत्र के परीक्षण उपरांत न्यायालय के आदेश के क्रम में विशेष पुलिस स्थापना संगठन द्वारा पंजीयन उपरांत पुलिस अधीक्षक महोदय इन्दौर जगदीश शर्मा के विरुद्ध मय परिवाद पत्र जांच हेतु प्राप्त हुआ। आदेश के पालन में परिवाद पत्र की प्राथमिक जांच कर अपना प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना इन्दौर को भेजा था जिसके आधार पर लोकायुक्त संगठन द्वारा अपराध पंजीयन का निर्णय लिया गया था। पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इन्दौर ने 3 दिसम्बर 2010 अनुसार अपराध पंजीबद्ध करने हेतु आदेशित किया था। जांच के दौरान पाया गया कि अभियुक्तगण द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना टेण्डर के शासकीय प्रेस कई गुना महंगे दर से राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा भोपाल से छपाई का कार्य कराया गया था और मुद्रित सामग्री का देयक बिल सीधे पास कराया गया था।
इसकी तुलना कर गणना करने पर पाया गया कि लगभग 6 गुना अधिक मंहगे दर पर कार्य कराते हुये अरोपीगणों द्वारा राशि 27,70,725 रुपया का अतिरिक्त अवैध भुगतान राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा को किया गया है जिसमें मुकेश शर्मा को 27,70,725 रुपया का अवैध आर्थिक लाभ हुआ है। शासन को इतनी ही राशि की आर्थिक हानि हुई है। इस प्रकार अभियुक्तगण द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आपराधिक षडयंत्र कर भ्रष्टाचार पूर्वक अनुचित एवं अत्यधिक लाभ अर्जित कर भ्रष्टाचार किया गया था। लोकायुक्त कार्यालय इन्दौर द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध अनुसंधान पूर्ण कर 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्ट एवं धारा 120(बी), 420, 201, 467 भादवि के तहत विशेष न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर प्रकरण में कुल 34 अभियोजन साक्षीगण के कथन न्यायालय में कराये गये एवं लिखित तर्क प्रस्तुत किया गया जिससे विशेष न्यायाधीश राजेन्द्र शर्मा झाबुआ (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा अभियुक्तगण को दोषी पाते हुए जगदीश शर्मा, जगमोहन, नाथू सिंह,.अमित, सदाशिव, आशीष को धारा 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्ट एवं धारा 120(बी) भादवि 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 हजार रुपये का अर्थदण्ड तथा 420 भादवि में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000-4000 रूपये से दंडित किया गया। राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा को धारा 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्ट एवं धारा 120(बी) भादवि 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 हजार रूपये का अर्थदण्ड तथा 420 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000 रुपये एवं धारा 467 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

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